तुम ने दीवाना बनाया मुझ को
लोग अफ़्साना बनाएँगे तुम्हें
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Parveen Shakir
Gulzar
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(628) Peoples Rate This
हम को तो गर्दिश-ए-हालात पे रोना आया
कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है
ऐसे लम्हे भी गुज़ारे हैं तिरी फ़ुर्क़त में
कुछ तो रंगीनी-ए-अफ़कार खुले
दिल-ए-नादाँ तिरी हालत क्या है
शगुफ़्त-ए-गुंचा-ए-महताब कौन देखेगा
एक से एक है ग़ारत-गर-ए-ईमान यहाँ
आए थे उन के साथ नज़ारे चले गए
कोई नहीं आता समझाने
एक उदासी दिल पर छाई रहती है
फैल रहे हैं वक़्त के साए
मिरी दास्तान-ए-हसरत वो सुना सुना के रोए