आह-ओ-फ़रियाद का असर देखा

आह-ओ-फ़रियाद का असर देखा

ख़ुद को मजबूर बेशतर देखा

बन गया है नक़ाब-ए-तंग-दिली

शोहरा-ए-वुसअ'त-ए-नज़र देखा

जिस्म ने डाल दी सिपर जब से

रूह को आज़िम-ए-सफ़र देखा

हश्र का मो'तक़िद हुआ जिस ने

मंज़र-ए-मतला-ए-सहर देखा

नाव साहिल पे लग गई आ कर

अपने शाना पे उन का सर देखा

तमअ' पिंदार जौर हिर्स फ़रेब

गामज़न कारवान-ए-ज़र देखा

शुबह-ए-ज़ौक़-ए-नज़र न हो जिस पर

एक ऐसा भी दीदा-वर देखा

कर लिया उन के इज्तिनाब पे सब्र

जब से अग़माज़ राहबर देखा

दिल का आईना रू-ब-रू लाए

इस लिए उन को ख़ुद-निगर देखा

जिस की एक अपनी काएनात न हो

'हामिद' ऐसा कोई बशर देखा

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In Hindi By Famous Poet Syed Hamid. is written by Syed Hamid. Complete Poem in Hindi by Syed Hamid. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.