क्या हिज्र में जी निढाल करना

क्या हिज्र में जी निढाल करना

कुछ ज़िक्र-ए-शब-ए-विसाल करना

जो कुछ भी गुज़र रही है सह लो

कुछ उस से न अर्ज़-ए-हाल करना

ग़म उस के अता किए हुए हैं

ग़म का न कभी मलाल करना

मैं तुम से बिछड़ के जी सकूँगा

ऐसा न कभी ख़याल करना

जिस तरह जिए हैं हम जहाँ में

पेश ऐसी कोई मिसाल करना

मैं जिस का जवाब न दे पाऊँ

ऐसा भी कोई सवाल करना

तुम साथ रहे तो हम ने 'वाली'

सीखा ही नहीं कमाल करना

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In Hindi By Famous Poet Wali Aasi. is written by Wali Aasi. Complete Poem in Hindi by Wali Aasi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.