कैसा मंज़र गुज़रने वाला था

कैसा मंज़र गुज़रने वाला था

आँख से डर गुज़रने वाला था

वो अजब रहगुज़ार थी जिस का

मुस्तहिक़ हर गुज़रने वाला था

वक़्त से मैं गुज़र रहा था मगर

वक़्त मुझ पर गुज़रने वाला था

एक ही दिल मिला था और दिल भी

कुछ न कुछ कर गुज़रने वाला था

उस ने भेजे थे अश्क मंज़र में

ख़ुश्क से तर गुज़रने वाला था

मेरे रस्ते को कर दिया हमवार

मुझ से बेहतर गुज़रने वाला था

जाँ हथेली पे रख के मक़्तल से

एक ख़ुद-सर गुज़रने वाला था

मैं ने ज़ंजीर रेल में खींची

जब मिरा घर गुज़रने वाला था

शुक्र है काम आ गई हिकमत

ख़ैर से शर गुज़रने वाला था

मैं वही कर नहीं सका सद-हैफ़

काम जो कर गुज़रने वाला था

मेरे दिल की हवा से 'ज़ेब' उस दिन

मोर का पर गुज़रने वाला था

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