कुछ लोग जो सवार हैं काग़ज़ की नाव पर
तोहमत तराशते हैं हवा के दबाव पर
Anwar Masood
Parveen Shakir
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Jaun Eliya
Habib Jalib
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Allama Iqbal
Javed Akhtar
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हम हक़ीक़त हैं तो तस्लीम न करने का सबब
और कुछ देर सितारो ठहरो
पढ़ रही हैं रात की ख़ामोशियाँ अफ़्सून-ए-ख़्वाब
दिल की शगुफ़्तगी के साथ राहत-ए-मय-कदा गई
बख़्श दी हाल-ए-ज़बूँ ने जल्वा-सामानी मुझे
गदा हूँ मुझ को लेकिन दौलत-ए-कौनैन हासिल है
अपनी रुस्वाई का एहसास तो अब कुछ भी नहीं
रेल ने सीटी बजाई 'शोर' ओ 'दामन' चल दिए
इस तरह आते हैं अंजाम-ए-मोहब्बत के ख़याल
ये उजालों के जज़ीरे ये सराबों के दयार
तौबा की नाज़िशों पे सितम ढा के पी गया
यूँ उस पे मिरी अर्ज़-ए-तमन्ना का असर था