जब रूह परेशान है तन छोड़ के जाए
अच्छा नहीं लगता तो वतन छोड़ के जाए
किस रिश्ते को ख़ुशबुओं के रूमाल में बाँधें
हर रिश्ता अगर एक चुभन छोड़ के जाए
Gulzar
Allama Iqbal
Habib Jalib
Ahmad Faraz
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Faiz Ahmad Faiz
Jaun Eliya
Rahat Indori
Parveen Shakir
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
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मिरा रोता बच्चा बहलता था जिस से
मैं कहाँ आया हूँ लाए हैं तिरी महफ़िल में
समुंदर सर पटक कर मर रहा था
याद
अच्छी-ख़ासी रुस्वाई का सबब होती है
वाईपर
किस अनमोल पशेमानी की दौलत है इन आँखों में
आँख और नींद के रिश्ते मुझे वापस कर दे
उस की हर बात ने जादू सा किया था पहले
कैसे आता है दबे पाँव गुनाहों का ख़याल
कोई तो ज़िद में ये आ कर कभी कहे हम से
ये दिल माँगे मोर