ये दाग़ आत्मा का जो बिस्तर से मिला है
शीशे को ये सदमा किसी पत्थर से मिला है
क्या देख लिया मैं ने लिहाफ़ में ऐ हे
अफ़्साने का उनवाँ इसी चादर से मिला है
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Mohsin Naqvi
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Anwar Masood
Parveen Shakir
Wasi Shah
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
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ग़म दुनिया के याद जब आएँ उस की याद भी आने दो
चौथी का जोड़ा
इश्क़ किया तो अपनी ही नादानी थी
या तो तारीख़ की अज़्मत से लिपट कर सो जा
मा'सूमा
आँख और नींद के रिश्ते मुझे वापस कर दे
एयर-होस्टेस
उम्र भर एक सी उलझन तो नहीं बन सकते
समुंदर सर पटक कर मर रहा था
उस की हर बात ने जादू सा किया था पहले
आइने रूप चुरा लेंगे उधर मत देखो
जो मरा है हादसे में मिरा उस से क्या था रिश्ता