इज़्ज़त के लिए अपनी ये समझौते किए जा
आँसू जो उमड आते हैं आँखों में पिए जा
अल्लाह तुझे भूकी निगाहों से बचाए
ऐ बेसवा तू अपने गरेबाँ को सिए जा
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Gulzar
Anwar Masood
Habib Jalib
Wasi Shah
Allama Iqbal
Mohsin Naqvi
Mir Taqi Mir
Rahat Indori
Parveen Shakir
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किस अनमोल पशेमानी की दौलत है इन आँखों में
इश्क़ झेला है तो चेहरा ज़र्द होना चाहिए
घर की मुश्किल कोई हल चाहती है
दिया जला के कोई चाँद पर रखा होगा
हिन्दोस्तान छोड़ दो
वाईपर
अलमिया-ए-नक़्द
गर्म हवा
लिहाफ़
जो मरा है हादसे में मिरा उस से क्या था रिश्ता
मिल रही है मुझे ना-कर्दा गुनाहों की सज़ा