दोस्त Poetry

तेज़ है मेरा क़लम तलवार से

एज़ाज़ काज़मी

न सारे ऐब हैं ऐब और हुनर हुनर भी नहीं

फ़रहत अली ख़ान

क्यूँ यूरिश-ए-तरब में भी ग़म याद आ गए

एहतिशाम हुसैन

पहले-पहल लड़ेंगे तमस्ख़ुर उड़ाएँगे

अली ज़रयून

देने वाले तुझे देना है तो इतना दे दे

संजय मिश्रा शौक़

हश्र-ए-ज़ुल्मात से दिल डरता है

महमूद शाम

मेरी दोस्त

हरबंस मुखिया

जवाँ होता बुढ़ापा

ममता तिवारी

दुश्मन की तरफ़ दोस्ती का हाथ

मुनीर नियाज़ी

बात बह जाने की सुन कर अश्क बरहम हो गए

कितने पुर-हौल अँधेरों से गुज़र कर ऐ दोस्त

आ दोस्त साथ आ दर-ए-माज़ी से माँग लाएँ

गुम-कर्दा-राह ख़ाक-बसर हूँ ज़रा ठहर

ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

सहराओं के दोस्त थे हम ख़ुद-आराई से ख़त्म हुए

ज़ुल्फ़िक़ार आदिल

निकला हूँ शहर-ए-ख़्वाब से ऐसे अजीब हाल में

ज़ुल्फ़िक़ार आदिल

फ़रज़ाना हूँ और नब्ज़-शनास-ए-दो-जहाँ हूँ

ज़ुहूर-उल-इस्लाम जावेद

फ़लक को फ़िक्र कोई मेहर-ओ-माह तक पहोंचे

ज़ुहूर-उल-इस्लाम जावेद

दानिश-ओ-फ़हम का जो बोझ सँभाले निकले

ज़ुहूर-उल-इस्लाम जावेद

रक्खा नहीं ग़ुर्बत ने किसी इक का भरम भी

ज़ुहूर नज़र

कभी ख़िरद से कभी दिल से दोस्ती कर ली

ज़ुबैर रिज़वी

अब उस का वस्ल महँगा चल रहा है

ज़ुबैर अली ताबिश

माशूक़ जो ठिगना है तो आशिक़ भी है नाटा

ज़ियाउल हक़ क़ासमी

सोज़-ए-दिल भी नहीं सुकूँ भी है

ज़िया जालंधरी

निगाहों में ये क्या फ़रमा गई हो

ज़िया जालंधरी

शाम का पहला तारा

ज़ेहरा निगाह

ज़ैतून का दरख़्त

ज़ीशान साहिल

शहरी सहूलतें

ज़ीशान साहिल

क़तरे

ज़ीशान साहिल

नज़्म

ज़ीशान साहिल

नज़्म

ज़ीशान साहिल

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.