वाईपर
क्या ग़ज़ब की बारिश है
आँखें सूजने आईं
काश कोई वाईपर
चलती कार से ले कर
मेरे उन पपोटों पर
जोड़ दे सफ़ाई से
पुतलियों के शीशों को
धुँद से बचाना है
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क्या ग़ज़ब की बारिश है
आँखें सूजने आईं
काश कोई वाईपर
चलती कार से ले कर
मेरे उन पपोटों पर
जोड़ दे सफ़ाई से
पुतलियों के शीशों को
धुँद से बचाना है
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