आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ए'तिबार किया
Wasi Shah
Gulzar
Habib Jalib
Rahat Indori
Allama Iqbal
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(3035) Peoples Rate This
दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है
किनारे पर कोई आया था
वो एक दिन एक अजनबी को
वो जो शाएर था
सहमा सहमा डरा सा रहता है
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है
रुके रुके से क़दम रुक के बार बार चले
अख़बार
वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था
तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की
जब भी ये दिल उदास होता है