हम भूल सके हैं न तुझे भूल सकेंगे
तू याद रहेगा हमें हाँ याद रहेगा
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कल हम ने सपना देखा है
अपने हमराह जो आते हो इधर से पहले
चाँद के तमन्नाई
ये सराए है
ऐ मतवालो! नाक़ों वालो!!
जल्वा-नुमाई बे-परवाई हाँ यही रीत जहाँ की है
कुछ कहने का वक़्त नहीं ये कुछ न कहो ख़ामोश रहो
क्या धोका देने आओगी
कब लौटा है बहता पानी बिछड़ा साजन रूठा दोस्त
अहल-ए-वफ़ा से तर्क-ए-तअल्लुक़ कर लो पर इक बात कहें
एक दिन देखने को आ जाते
वो रातें चाँद के साथ गईं वो बातें चाँद के साथ गईं