दिल ने अपनी ज़बाँ का पास किया

दिल ने अपनी ज़बाँ का पास किया

आँख ने जाने क्या क़यास किया

क्या कहा बाद-ए-सुब्ह-गाही ने

क्या चराग़ों ने इल्तिमास किया

कुछ अजब तौर ज़िंदगानी की

घर से निकले न घर का पास किया

इश्क़ जी जान से किया हम ने

और बे-ख़ौफ़-ओ-बे-हिरास किया

रात आई उधर सितारों ने

शबनमी पैरहन लिबास किया

साया-ए-गुल तो मैं नहीं जिस ने

गुल को देखा न गुल को बास किया

बाल तो धूप में सफ़ेद किए

ज़र्द किस छाँव में लिबास किया

क्या तिरा ए'तिबार था तू ने

क्या ग़ज़ब शहर-ए-नासपास किया

क्या बताऊँ सबब उदासी का

बे-सबब मैं उसे उदास किया

ज़िंदगी इक किताब है जिस से

जिस ने जितना भी इक़्तिबास किया

जब भी ज़िक्र-ए-ग़ज़ल छिड़ा उस ने

ज़िक्र मेरा ब-तौर-ए-ख़ास किया

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In Hindi By Famous Poet Rasa Chughtai. is written by Rasa Chughtai. Complete Poem in Hindi by Rasa Chughtai. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.