किसे ताक़त है शरह-ए-शौक़ उस मज्लिस में करने की
उठा देने के डर से साँस वाँ लेते हैं रह रह के
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Habib Jalib
Rahat Indori
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Gulzar
Wasi Shah
Anwar Masood
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(380) Peoples Rate This
दिखाऊँगा तुझे ज़ाहिद उस आफ़त-ए-दीं को
दिलदार उस को ख़्वाह दिल-आज़ार कुछ कहो
हर संग में शरार है तेरे ज़ुहूर का
बहार-ए-बाग़ हो मीना हो जाम-ए-सहबा हो
किस मुँह से फिर तू आप को कहता है इश्क़-बाज़
'सौदा' जो तिरा हाल है इतना तो नहीं वो
साक़ी हमारी तौबा तुझ पर है क्यूँ गवारा
'सौदा' तिरी फ़रियाद से आँखों में कटी रात
गर कीजिए इंसाफ़ तो की ज़ोर वफ़ा मैं
देखे बुलबुल जो यार की सूरत
आशिक़ की भी कटती हैं क्या ख़ूब तरह रातें
बदला तिरे सितम का कोई तुझ से क्या करे