मात Poetry (page 2)

हमारे ज़ेहन में ये बात भी नहीं आई

शहराम सर्मदी

कड़े हैं हिज्र के लम्हात उस से कह देना

शहबाज़ ख़्वाजा

माँगा था हम ने दिन वो सियह रात दे गया

शबाब ललित

अजब हैं सूरत-ए-हालात अब के

सरदार सलीम

चलेगी न ऐ दिल कोई घात हरगिज़

सरस्वती सरन कैफ़

पाँव मारा था पहाड़ों पे तो पानी निकला

साक़ी फ़ारुक़ी

अपने जीने को क्या पूछो सुब्ह भी गोया रात रही

सज्जाद बाक़र रिज़वी

दयार-ए-हब्स में बुझते हुए चराग़ों को

साइम जी

मकान-ए-दिल से जो उठता था वो धुआँ भी गया

रियाज़ मजीद

मुहक़क़िक़

रज़ा नक़वी वाही

ता-ब-कै मंज़िल-ब-मंज़िल हम मुसाफ़िर भागते

रऊफ़ ख़ैर

हर ख़ुशी तेरे नाम की मैं ने

राशिद क़य्यूम अनसर

किसी की जीत का सदमा किसी की मात का बोझ

राशिद मुफ़्ती

वो बात बात पे जी भर के बोलने वाला

राजेन्द्र मनचंदा बानी

दिन को दिन रात को मैं रात न लिखने पाऊँ

राजेश रेड्डी

क्या आज उन से अपनी मुलाक़ात हो गई

राजेन्द्र नाथ रहबर

लगा दी काग़ज़ी मल्बूस पर मोहर-ए-सबात अपनी

इक़बाल साजिद

तुम ग़ैरों से हँस हँस के मुलाक़ात करो हो

इक़बाल अज़ीम

मौसम सूखा सूखा सा था लेकिन ये क्या बात हुई

इमाम अाज़म

तर्क-ए-तअल्लुक़ात नहीं चाहता था मैं

इफ़्तिख़ार राग़िब

फ़ज़ा में वहशत-ए-संग-ओ-सिनाँ के होते हुए

इफ़्तिख़ार आरिफ़

दिल पीत की आग में जलता है

इब्न-ए-इंशा

वो दिल समो ले जो दामन में काएनात का कर्ब

हुरमतुल इकराम

दुआ ही वज्ह-ए-करामात थोड़ी होती है

हिजाब अब्बासी

यरान-ए-बे-बिसात कि हर बाज़ी-ए-हयात

हफ़ीज़ जालंधरी

ये मुलाक़ात मुलाक़ात नहीं होती है

हफ़ीज़ जालंधरी

कभी ज़मीं पे कभी आसमाँ पे छाए जा

हफ़ीज़ जालंधरी

अर्ज़-ए-हुनर भी वज्ह-ए-शिकायात हो गई

हफ़ीज़ जालंधरी

भुला भी दे उसे जो बात हो गई प्यारे

हबीब जालिब

ख़ुदा

गुलज़ार

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.