बिस्मिल Poetry (page 4)

नया बिस्मिल हूँ मैं वाक़िफ़ नहीं रस्म-ए-शहादत से

चकबस्त ब्रिज नारायण

उन्हें ये फ़िक्र है हर दम नई तर्ज़-ए-जफ़ा क्या है

चकबस्त ब्रिज नारायण

निगाह-ए-क़हर होगी या मोहब्बत की नज़र होगी

बिस्मिल अज़ीमाबादी

आज़ार-ओ-जफ़ा-ए-पैहम से उल्फ़त में जिन्हें आराम नहीं

बिस्मिल इलाहाबादी

अजब जौबन है गुल पर आमद-ए-फ़स्ल-ए-बहारी है

भारतेंदु हरिश्चंद्र

लड़ाएँ आँख वो तिरछी नज़र का वार रहने दें

बेख़ुद देहलवी

बेताब रहें हिज्र में कुछ दिल तो नहीं हम

बेख़ुद देहलवी

बताए देती है बे-पूछे राज़ सब दिल के

बेदम शाह वारसी

हिन्द के जाँ-बाज़ सिपाही

बर्क़ देहलवी

आहें अफ़्लाक में मिल जाती हैं

बक़ा उल्लाह 'बक़ा'

वाँ इरादा आज उस क़ातिल के दिल में और है

ज़फ़र

टुकड़े नहीं हैं आँसुओं में दिल के चार पाँच

ज़फ़र

जब कभी दरिया में होते साया-अफ़गन आप हैं

ज़फ़र

देख दिल को मिरे ओ काफ़िर-ए-बे-पीर न तोड़

ज़फ़र

कमाल ये है कि दुनिया को कुछ पता न लगे

अज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी

बताऊँ क्या कि मिरे दिल में क्या है

अज़ीज़ लखनवी

अँधेरी रात का मुसाफ़िर

असरार-उल-हक़ मजाज़

नहीं ये फ़िक्र कोई रहबर-ए-कामिल नहीं मिलता

असरार-उल-हक़ मजाज़

इस जौर ओ जफ़ा से तिरे ज़िन्हार न टूटे

अशरफ़ अली फ़ुग़ाँ

यतीम इंसाफ़

अशोक लाल

ये नंग-ए-आशिक़ी है सूद ओ हासिल देखने वाले

असग़र गोंडवी

तिरे जल्वों के आगे हिम्मत-ए-शरह-ओ-बयाँ रख दी

असग़र गोंडवी

मिरी हर साँस को सब नग़्मा-ए-महफ़िल समझते हैं

असर सहबाई

नवेद-ए-वस्ल-ए-यार आए न आए

असर लखनवी

मीर-ए-महफ़िल न हुए गर्मी-ए-महफ़िल तो हुए

आरज़ू लखनवी

क्यूँ किसी रह-रौ से पूछूँ अपनी मंज़िल का पता

आरज़ू लखनवी

कहीं सर पटकते दीवाने कहीं पर झुलसते परवाने

आरज़ू लखनवी

दिल दे रहा था जो उसे बे-दिल बना दिया

आरज़ू लखनवी

ऐ जज़्ब-ए-मोहब्बत तू ही बता क्यूँकर न असर ले दिल ही तो है

आरज़ू लखनवी

जो साक़िया तू ने पी के हम को दिया है जाम-ए-शराब आधा

अरशद अली ख़ान क़लक़

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.