दम Poetry (page 5)

क़ब्र पर बाद-ए-फ़ना आइएगा

वज़ीर अली सबा लखनवी

महशर का हमें क्या ग़म इस्याँ किसे कहते हैं

वज़ीर अली सबा लखनवी

ऐ सबा जज़्ब पे जिस दम दिल-ए-नाशाद आया

वज़ीर अली सबा लखनवी

आया जो मौसम-ए-गुल तो ये हिसाब होगा

वज़ीर अली सबा लखनवी

सफ़र

वज़ीर आग़ा

रात भर इक सदा

वज़ीर आग़ा

कोह-ए-निदा

वज़ीर आग़ा

कराँ-ता-कराँ

वज़ीर आग़ा

भूरी मिट्टी की तह को हटाएँ

वज़ीर आग़ा

अजनबी

वज़ीर आग़ा

किस किस से न वो लिपट रहा था

वज़ीर आग़ा

गुल ने ख़ुशबू को तज दिया न रहा

वज़ीर आग़ा

बे-ज़बाँ कलियों का दिल मैला किया

वज़ीर आग़ा

बे-सदा दम-ब-ख़ुद फ़ज़ा से डर

वज़ीर आग़ा

क़दम यूँ बे-ख़तर हो कर न मय-ख़ाने में रख देना

वासिफ़ देहलवी

नहीं मालूम कितने हो चुके हैं इम्तिहाँ अब तक

वासिफ़ देहलवी

बाज़ औक़ात फ़राग़त में इक ऐसा लम्हा आता है

वसीम ताशिफ़

क़तरे गिरे जो कुछ अरक़-ए-इंफ़िआ'ल के

वसीम ख़ैराबादी

हम ने उस शोख़ की रानाई क़ामत देखी

वसीम ख़ैराबादी

इक-बटा-दो को करूँ क्यूँ न रक़म दो-बटा-चार

वक़ार हिल्म सय्यद नगलवी

मुदावा

वामिक़ जौनपुरी

अलिफ़ लैला

वामिक़ जौनपुरी

वहीं जी उठते हैं मुर्दे ये क्या ठोकर से छूना है

वलीउल्लाह मुहिब

उस बुत ने गुलाबी जो उठा मुँह से लगाई

वलीउल्लाह मुहिब

उधर वो बे-मुरव्वत बेवफ़ा बे-रहम क़ातिल है

वलीउल्लाह मुहिब

साथ ग़ैरों के है सदा गट-पट

वलीउल्लाह मुहिब

राएगाँ औक़ात खो कर हैफ़ खाना है अबस

वलीउल्लाह मुहिब

पहचाने तू हर-दम वही हर आन वही है

वलीउल्लाह मुहिब

मय-ए-गुल-गूँ के जो शीशे में परी रहती है

वलीउल्लाह मुहिब

काफ़िर हुए सनम हम दीं-दार तेरी ख़ातिर

वलीउल्लाह मुहिब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.