दूर Poetry (page 83)

ख़बर तो दूर अमीन-ए-ख़बर नहीं आए

आशुफ़्ता चंगेज़ी

हमारे बारे में क्या क्या न कुछ कहा होगा

आशुफ़्ता चंगेज़ी

दिल डूबने लगा है तवानाई चाहिए

आशुफ़्ता चंगेज़ी

आँखों के सामने कोई मंज़र नया न था

आशुफ़्ता चंगेज़ी

आँगन में छोड़ आए थे जो ग़ार देख लें

आशुफ़्ता चंगेज़ी

ये क़र्ज़ तो मेरा है चुकाएगा कोई और

आनिस मुईन

ये और बात दूर रहे मंज़िलों से हम

आलोक श्रीवास्तव

ये और बात दूर रहे मंज़िलों से हम

आलोक श्रीवास्तव

झिलमिलाते हुए दिन-रात हमारे ले कर

आलोक श्रीवास्तव

जब भी तक़दीर का हल्का सा इशारा होगा

आलोक श्रीवास्तव

जब भी तक़दीर का हल्का सा इशारा होगा

आलोक श्रीवास्तव

उन के सितम भी कह नहीं सकते किसी से हम

आले रज़ा रज़ा

ये दौर मुझ से ख़िरद का वक़ार माँगे है

आल-ए-अहमद सूरूर

लोग तन्हाई का किस दर्जा गिला करते हैं

आल-ए-अहमद सूरूर

एक दीवाने को इतना ही शरफ़ क्या कम है

आल-ए-अहमद सूरूर

मय-कशो देर है क्या दौर चले बिस्मिल्लाह

आग़ा अकबराबादी

सिक्का-ए-दाग़-ए-जुनूँ मिलते जो दौलत माँगता

आग़ा अकबराबादी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.