ऋतु Poetry (page 22)

अब वो गलियाँ वो मकाँ याद नहीं

अहमद मुश्ताक़

दिलों पे ज़ख़्म लगा के हज़ार गुज़री बहार

अहमद मासूम

रक़्स-ए-शरर क्या अब के वहशत-नाक हुआ

अहमद महफ़ूज़

सुकूत-ए-शाम-ए-ख़िज़ाँ है क़रीब आ जाओ

अहमद फ़राज़

सब जल गया जलते हुए ख़्वाबों के असर से

अहमद अशफ़ाक़

उस ने किया है वादा-ए-फ़र्दा आने दो उस को आए तो

अहमद अली बर्क़ी आज़मी

अब अगर इश्क़ के आसार नहीं बदलेंगे

आग़ाज़ बरनी

मौसम-ए-गुल में जो घिर घिर के घटाएँ आईं

आग़ा हज्जू शरफ़

जश्न था ऐश-ओ-तरब की इंतिहा थी मैं न था

आग़ा हज्जू शरफ़

बुलबुल का दिल ख़िज़ाँ के सदमे से हिल रहा है

आग़ा हज्जू शरफ़

आग लगा दी पहले गुलों ने बाग़ में वो शादाबी की

आग़ा हज्जू शरफ़

पानी शजर पे फूल बना देखता रहा

अफ़ज़ाल नवेद

दिखाई दे कि शुआ-ए-बसीर खींचता हूँ

अफ़ज़ाल नवेद

जो शख़्स भी मिला है वो इक ज़िंदा लाश है

अफ़ज़ल मिनहास

रौशन वो दिल पे मेरे दिल-आज़ार से हुआ

अफ़ज़ाल अहमद सय्यद

मुनाफ़िक़त का निसाब पढ़ कर मोहब्बतों की किताब लिखना

आफ़ताब हुसैन

हाए वो जिस की उम्मीदें हों ख़िज़ाँ पर मौक़ूफ़

अफ़सर मेरठी

जिन को हर हालत में ख़ुश और शादमाँ पाता हूँ मैं

अफ़सर मेरठी

उन से हर हाल में तुम सिलसिला-जुम्बाँ रखना

अफ़सर माहपुरी

डराएगी भला क्या तेरी गर्दिश आसमाँ मुझ को

अदील ज़ैदी

आँखों में रूप सुब्ह की पहली किरन सा है

अदा जाफ़री

तज्दीद-ए-रिवायात-ए-कुहन करते रहेंगे

अबुल मुजाहिद ज़ाहिद

यक़ीन है कि गुमाँ है मुझे नहीं मालूम

अबरार अहमद

कफ़-ए-ख़िज़ाँ पे खिला मैं इस ए'तिबार के साथ

आबिद सयाल

कफ़-ए-ख़िज़ाँ पे खिला मैं इस ए'तिबार के साथ

आबिद सयाल

अपनी कमी से पूछ न उस की कमी से पूछ

आबिद अख़्तर

अगर हो ख़ौफ़-ज़दा ताक़त-ए-बयाँ कैसी

अब्दुर्रहीम नश्तर

मिज़्गाँ ने रोका आँखों में दम इंतिज़ार से

अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी

गुदाज़-ए-आतिश-ए-ग़म सीं हुई हैं बावली अँखियाँ

अब्दुल वहाब यकरू

सुब्ह सफ़र और शाम सफ़र

अब्दुल मन्नान तरज़ी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.