घृणा Poetry (page 5)

मुझ से नफ़रत है अगर उस को तो इज़हार करे

इफ़्तिख़ार नसीम

हाथ हाथों में न दे बात ही करता जाए

इफ़्तिख़ार नसीम

वो नहीं मिलता मुझे इस का गिला अपनी जगह

इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी

उन्स तो होता है दीवाने से दीवाने को

इबरत बहराईची

ख़याल-ए-बद से हमा-वक़्त इज्तिनाब करो

इबरत बहराईची

तख़ातुब है तुझ से ख़याल और का है

हिमायत अली शाएर

दिल में इक शोर उठाते हैं चले जाते हैं

हिदायतुल्लाह ख़ान शम्सी

आरास्ता बज़्म-ए-ऐश हुई अब रिंद पिएँगे खुल खुल के

हीरा लाल फ़लक देहलवी

वो भी चुप-चाप है इस बार ये क़िस्सा क्या है

हस्तीमल हस्ती

लोग कहते हैं कि सूरज में अँधेरा क्यूँ है

हसीर नूरी

फिर उन की याद के दीपक जलाए हैं मैं ने

हरबंस लाल अनेजा 'जमाल'

शनासा-ए-हक़ीक़त हो गए हैं

हामिदी काश्मीरी

बुलबुल को फिर चमन में लगा लाई बू-ए-गुल

हकीम सय्यद मोहम्मद ग़ाज़ीपुरी

कोई अच्छा नहीं होता है बरी चालों से

हैदर अली आतिश

फ़रेब-ए-हुस्न से गब्र-ओ-मुसलमाँ का चलन बिगड़ा

हैदर अली आतिश

आशिक़ हूँ मैं नफ़रत है मिरे रंग को रू से

हैदर अली आतिश

उन की ये ज़िद कि मिरे घर में न आए कोई

हफ़ीज़ जौनपुरी

इसी ख़याल से तर्क उन की चाह कर न सके

हफ़ीज़ जौनपुरी

तेरे होने से

हबीब जालिब

जम्हूरियत

हबीब जालिब

कॉफ़ी-हाउस

हबीब जालिब

यूँ वो ज़ुल्मत से रहा दस्त-ओ-गरेबाँ यारो

हबीब जालिब

न बेताबी न आशुफ़्ता-सरी है

हबीब अहमद सिद्दीक़ी

अपने अशआर को रुस्वा सर-ए-बाज़ार करूँ

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

ज़िंदगी मर्ग की मोहलत ही सही

ग़ुलाम मौला क़लक़

अंदाज़-ए-फ़िक्र अहल-ए-जहाँ का जुदा रहा

ग़नी एजाज़

पिला दे ओक से साक़ी जो हम से नफ़रत है

ग़ालिब

वो आ के ख़्वाब में तस्कीन-ए-इज़्तिराब तो दे

ग़ालिब

लाज़िम था कि देखो मिरा रस्ता कोई दिन और

ग़ालिब

नफ़रत

गीताञ्जलि राय

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.