निर्माता Poetry (page 10)

फिर दिल से आ रही है सदा उस गली में चल

हबीब जालिब

फ़िराक़ में दम उलझ रहा है ख़याल-ए-गेसू में जांकनी है

हबीब मूसवी

तिरी तलब ने फ़लक पे सब के सफ़र का अंजाम लिख दिया है

गुलज़ार बुख़ारी

नज़्म

गोपाल मित्तल

जो शुआ-ए-लब है मौज-ए-नौ-बहार-ए-नग़्मा है

गोपाल मित्तल

किस तरह वाक़िफ़ हों हाल-ए-आशिक़-ए-जाँ-बाज़ से

ग़ुलाम भीक नैरंग

पुराने जूते

ग़ुलाम अहमद फ़रीद

इक ख़लिश है मिरे बाहर मिरी दम-साज़ गिरी

ग़ुफ़रान अमजद

आँधी में भी चराग़ मगन है सबा के साथ

ग़ौसिया ख़ान सबीन

ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह

ग़ालिब

दिल-ए-हर-क़तरा है साज़-ए-अनल-बहर

ग़ालिब

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता

ग़ालिब

पा-ब-दामन हो रहा हूँ बस-कि मैं सहरा-नवर्द

ग़ालिब

नश्शा-हा शादाब-ए-रंग ओ साज़-हा मस्त-ए-तरब

ग़ालिब

न गुल-ए-नग़्मा हूँ न पर्दा-ए-साज़

ग़ालिब

मिलती है ख़ू-ए-यार से नार इल्तिहाब में

ग़ालिब

महरम नहीं है तू ही नवा-हा-ए-राज़ का

ग़ालिब

हम से खुल जाओ ब-वक़्त-ए-मय-परस्ती एक दिन

ग़ालिब

हुजूम-ए-नाला हैरत आजिज़-ए-अर्ज़-ए-यक-अफ़्ग़ँ है

ग़ालिब

हवस को है नशात-ए-कार क्या क्या

ग़ालिब

हसद से दिल अगर अफ़्सुर्दा है गर्म-ए-तमाशा हो

ग़ालिब

हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुश्किल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़

ग़ालिब

चश्म-ए-ख़ूबाँ ख़ामुशी में भी नवा-पर्दाज़ है

ग़ालिब

बाग़ पा कर ख़फ़क़ानी ये डराता है मुझे

ग़ालिब

आबरू क्या ख़ाक उस गुल की कि गुलशन में नहीं

ग़ालिब

अगर हो चश्म-ए-हक़ीक़त तो देख क्या हूँ मैं

ग़व्वास क़ुरैशी

मता-ए-इश्क़ ज़रा और सर्फ़-ए-नाज़ तो हो

गौहर होशियारपुरी

कुत्तों का मुशाएरा

फ़ुर्क़त काकोरवी

तसव्वुर में जमाल-ए-रू-ए-ताबाँ ले के चलता हूँ

फ़ितरत अंसारी

बा'द मुद्दत के ख़याल-ए-मय-ओ-मीना आया

फ़ितरत अंसारी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.