रहस्य Poetry (page 2)

चमके दूरी में कुछ अक्स निशानों के

सत्तार सय्यद

हाँ मेरी महबूबा

सरमद सहबाई

उम्र इंकार की दीवार से सर फोड़ती है

साक़ी फ़ारुक़ी

हर बज़्म क्यूँ नुमाइश-ए-ज़ख़्म-ए-हुनर बने

सलीम शाहिद

सुब्ह-ए-सफ़र का राज़ किसी पर यहाँ न खोल

सलीम शाहिद

पुराने साहिलों पर नया गीत

सलीम कौसर

क़ुर्बतें होते हुए भी फ़ासलों में क़ैद हैं

सलीम कौसर

कोई सच्चे ख़्वाब दिखाता है पर जाने कौन दिखाता है

सलीम कौसर

इस आलम-ए-हैरत-ओ-इबरत में कुछ भी तो सराब नहीं होता

सलीम कौसर

बूटा बूटा मुँह खोलेगा पत्ता पत्ता बोलेगा

सैलानी सेवते

जागा है कच्ची नींद से मत छेड़िए उसे

सैफ़ सहसराम

जश्न-ए-ग़ालिब

साहिर लुधियानवी

इतनी हसीन इतनी जवाँ रात क्या करें

साहिर लुधियानवी

बिस्तर बिछा के रात वो कमरे में सो गया

सादिक़

ये दिल की दास्तान है कि दिल ग़ुलाम कर दिया

सबीहा सबा, पाकिस्तान

मासूम ख़्वाहिशों की पशीमानियों में था

रियाज़ मजीद

बदल सका न जुदाई के ग़म उठा कर भी

रियाज़ मजीद

जुनूँ का राज़ मोहब्बत का भेद पा न सकी

रज़ा हमदानी

दरवाज़ा मायूस है शायद सोग में है अँगनाई बहुत

रौनक़ नईम

लूटा जाने वालों ने

राशिद मुफ़्ती

हाथ हमारे सब से ऊँचे हाथों ही से गिला भी है

रईस फ़रोग़

अंजाम-ए-वफ़ा भी देख लिया अब किस लिए सर ख़म होता है

इक़बाल सुहैल

दिल भी पत्थर सीना पत्थर आँख पे पट्टी रक्खी है

इन्तिज़ार ग़ाज़ीपुरी

ख़ुदा से कलाम

इंजिला हमेश

प्रीत-नगर की रीत नहीं है ऐसा ओछा-पन बाबा

इलियास इश्क़ी

गर्म आँसू और ठंडी आहें मन में क्या क्या मौसम हैं

इब्न-ए-इंशा

इस बस्ती के इक कूचे में

इब्न-ए-इंशा

कुछ कहने का वक़्त नहीं ये कुछ न कहो ख़ामोश रहो

इब्न-ए-इंशा

ज़र्द मौसम में भी इक शाख़ हरी रहती है

हाशिम रज़ा जलालपुरी

कल ख़्वाब में देखा सखी मैं ने पिया का गाँव रे

हसन कमाल

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.