इंतजार Poetry (page 14)

अपना हर उज़्व चश्म-ए-बीना है

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

ठहर ठहर के मिरा इंतिज़ार करता चल

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

हम ने तो बे-शुमार बहाने बनाए हैं

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

है ख़मोशी-ए-इंतिज़ार बला

ग़ुलाम मौला क़लक़

दीदा-ए-सर्फ़-ए-इंतिज़ार है शम्अ

ग़ुलाम मौला क़लक़

बे-नियाज़-ए-बहार सा क्यूँ है

ग़यास अंजुम

बेवफ़ा के वा'दे पर ए'तिबार करते हैं

ग़नी एजाज़

फिर यही रुत हो ऐन मुमकिन है

ग़ालिब अयाज़

कभी गुमान कभी ए'तिबार बन के रहा

ग़ालिब अयाज़

हुस्न के ज़ेर-ए-बार हो कि न हो

ग़ालिब अयाज़

हुआ करेगा हर इक लफ़्ज़ मुश्क-बार अपना

ग़ालिब अयाज़

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता

ग़ालिब

ता फिर न इंतिज़ार में नींद आए उम्र भर

ग़ालिब

फूँका है किस ने गोश-ए-मोहब्बत में ऐ ख़ुदा

ग़ालिब

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता

ग़ालिब

पा-ब-दामन हो रहा हूँ बस-कि मैं सहरा-नवर्द

ग़ालिब

नहीं है ज़ख़्म कोई बख़िये के दर-ख़ुर मिरे तन में

ग़ालिब

नफ़स न अंजुमन-ए-आरज़ू से बाहर खींच

ग़ालिब

मिलती है ख़ू-ए-यार से नार इल्तिहाब में

ग़ालिब

लूँ वाम बख़्त-ए-ख़ुफ़्ता से यक-ख़्वाब-ए-खुश वले

ग़ालिब

जिस जा नसीम शाना-कश-ए-ज़ुल्फ़-ए-यार है

ग़ालिब

जराहत तोहफ़ा अल्मास अर्मुग़ाँ दाग़-ए-जिगर हदिया

ग़ालिब

हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुश्किल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़

ग़ालिब

है सब्ज़ा-ज़ार हर दर-ओ-दीवार-ए-ग़म-कदा

ग़ालिब

गुलशन में बंदोबस्त ब-रंग-ए-दिगर है आज

ग़ालिब

एक एक क़तरे का मुझे देना पड़ा हिसाब

ग़ालिब

बला से हैं जो ये पेश-ए-नज़र दर-ओ-दीवार

ग़ालिब

आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे

ग़ालिब

आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए

ग़ालिब

आ कि मिरी जान को क़रार नहीं है

ग़ालिब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.