मिल Poetry (page 23)

कभी मुड़ के फिर इसी राह पर न तो आए तुम न तो आए हम

इन्दिरा वर्मा

रोते हैं जब भी हम दिसम्बर में

इंद्र सराज़ी

गुज़री सवाल-ए-वस्ल के चक्कर में सारी उम्र

इनाम दुर्रानी

उखड़ी न एक शाख़ भी नख़्ल-ए-जदीद की

इनाम दुर्रानी

दर-ए-उमीद मुक़फ़्फ़ल नहीं हुआ अब तक

इनआम आज़मी

होगा बहुत शदीद तमाज़त का इंतिक़ाम

इम्तियाज़ साग़र

हर बे-ख़ता है आज ख़ता-कार देखना

इम्तियाज़ साग़र

ठहर के देख तू इस ख़ाक से क्या क्या निकल आया

इमरान शमशाद

रफ़्ता रफ़्ता सब कुछ अच्छा हो जाएगा

इमरान शमशाद

जल कर जिस ने जल को देखा

इमरान शमशाद

हमारी मोहब्बत नुमू से निकल कर कली बन गई थी मगर थी नुमू में

इमरान शमशाद

मैं अपनी हैसियत से कुछ ज़ियादा ले के आया हूँ

इमरान साग़र

मैं अपने हाल-ए-ज़ार का आईना-दार हूँ

इमरान साग़र

आसमाँ मिल न सका धरती पे आया न गया

इमरान हुसैन आज़ाद

ख़ुर्शीद-रुख़ों का सामना है

इमदाद अली बहर

हर तरफ़ मज्मा-ए-आशिक़ाँ है

इमदाद अली बहर

गया सब अंदोह अपने दिल का थमे अब आँसू क़रार आया

इमदाद अली बहर

गेसू ओ रुख़्सार की बातें करें

इमाम अाज़म

सूरज की मीज़ान लिए हम, वो थे बर्फ़ की बाट लिए

इमाम अाज़म

मौसम सूखा सूखा सा था लेकिन ये क्या बात हुई

इमाम अाज़म

गेसू ओ रुख़्सार की बातें करें

इमाम अाज़म

ऐ ख़ुदा भरम रखना बरक़रार इस घर का

इकराम मुजीब

फिर उठाया जाऊँगा मिट्टी में मिल जाने के बाद

इफ़्तिख़ार राग़िब

सारे दरिया फूट पड़ेंगे इक दूजे के बीच

इफ़्तिख़ार क़ैसर

दूर दूर तक सन्नाटा है कोई नहीं है पास

इफ़्तिख़ार क़ैसर

यूँ है तिरी तलाश पे अब तक यक़ीं मुझे

इफ़्तिख़ार नसीम

रात को बाहर अकेले घूमना अच्छा नहीं

इफ़्तिख़ार नसीम

बन गया है जिस्म गुज़रे क़ाफ़िलों की गर्द सा

इफ़्तिख़ार नसीम

वो नहीं मिलता मुझे इस का गिला अपनी जगह

इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी

तू नहीं तो ज़िंदगी में और क्या रह जाएगा

इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.