तेज Poetry (page 7)

मौत की ख़ुशबू

साक़ी फ़ारुक़ी

वो लोग जो ज़िंदा हैं वो मर जाएँगे इक दिन

साक़ी फ़ारुक़ी

वो दुख जो सोए हुए हैं उन्हें जगा दूँगा

साक़ी फ़ारुक़ी

पाँव मारा था पहाड़ों पे तो पानी निकला

साक़ी फ़ारुक़ी

जान प्यारी थी मगर जान से बे-ज़ारी थी

साक़ी फ़ारुक़ी

इक रात हम ऐसे मिलें जब ध्यान में साए न हों

साक़ी फ़ारुक़ी

बग़दाद

सलमान अंसारी

सालिम यक़ीन-ए-अज़्मत-ए-सेहर-ए-ख़ुदा न तोड़

सलीम शुजाअ अंसारी

खुलती है गुफ़्तुगू से गिरह पेच-ओ-ताब की

सलीम शाहिद

साल की आख़िरी शब

सलीम कौसर

फिर जी उठे हैं जिस से वो इम्कान तुम नहीं

सलीम कौसर

आख़िरी पड़ाव

सलीम फ़िगार

नाईट-कलब

सलीम बेताब

कल नशात-ए-क़ुर्ब से मौसम बहार-अंदाज़ा था

सलीम अहमद

जाने किसी ने क्या कहा तेज़ हवा के शोर में

सलीम अहमद

जंगली नाच

सलाम मछली शहरी

निखरा ख़िज़ाँ से रंग-ए-बहाराँ है इन दिनों

सज्जाद बाक़र रिज़वी

हवा में कुछ तो घुला था कि होंट नीले हुए

सज्जाद बाबर

मयस्सर ख़ुद निगह-दारी की आसाइश नहीं रहती

साइमा असमा

यादों की गूँज ज़ेहन से बाहर निकालिए

सैफ़ ज़ुल्फ़ी

आओ कि कोई ख़्वाब बुनें

साहिर लुधियानवी

याद आता है मुझे रेत का घर बारिश में

साहिबा शहरयार

मुझ को हर लम्हा नई एक कहानी देगा

साहिबा शहरयार

हर रात का ख़्वाब

सहबा अख़्तर

निकल गए थे जो सहरा में अपने इतनी दूर

सग़ीर मलाल

हर शय है पुर-मलाल बड़ी तेज़ धूप है

साग़र सिद्दीक़ी

उस्ताद मर गए

साग़र ख़य्यामी

रोटी कपड़ा और मकान

साग़र ख़य्यामी

पड़ोसी की मुर्ग़ियाँ

साग़र ख़य्यामी

बैठे हैं ऐसे ज़ुल्फ़ में कलियाँ सँवार के

साग़र ख़य्यामी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.