वहशत Poetry (page 28)

ख़ौफ़-ओ-वहशत बर-सर-ए-बाज़ार रख जाता है कौन

अब्दुस्समद ’तपिश’

रोज़ वहशत कोई नई मिरे दोस्त

अब्दुर्राहमान वासिफ़

मेज़ क़लम क़िर्तास दरीचा सन्नाटा

अब्दुर्राहमान वासिफ़

ज़ुल्मतें वहशत-ए-फ़र्दा से निढाल

अब्दुर रऊफ़ उरूज

जादा-ए-मय पे गुज़र ख़्वाबों का

अब्दुर रऊफ़ उरूज

आज यादों ने अजब रंग बिखेरे दिल में

अब्दुर रऊफ़ उरूज

दिल दिया वहशत लिया और ख़ुद को रुस्वा कर लिया

अब्दुल्लतीफ़ शौक़

अपने होने का इक इक पल तजरबा करते रहे

अब्दुल्लाह कमाल

शेर कहने की तबीअत न रही

अब्दुल सलाम

दिल उन की मोहब्बत का जो दीवाना लगे है

अब्दुल रहमान ख़ान वासिफ़ी बहराईची

आँखों में मुरव्वत तिरी ऐ यार कहाँ है

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

मिरे दिल में है कि पूछूँ कभी मुर्शिद-ए-मुग़ाँ से

अब्दुल मजीद सालिक

लोग कहते हैं कि तुम से ही मोहब्बत है मुझे

अब्दुल हमीद अदम

कुछ अपना पता दे कर हैरान बहुत रक्खा

अब्दुल हमीद

फीकी ज़र्द दोपहर

अब्दुल अहद साज़

न मक़ामात न तरतीब-ए-ज़मानी अपनी

अब्दुल अहद साज़

जो कुछ भी ये जहाँ की ज़माने की घर की है

अब्दुल अहद साज़

दूर से शहर-ए-फ़िक्र सुहाना लगता है

अब्दुल अहद साज़

ये देख मिरे नक़्श-ए-कफ़-ए-पा मिरे आगे

अब्बास ताबिश

याद कर कर के उसे वक़्त गुज़ारा जाए

अब्बास ताबिश

मैं अपने इश्क़ को ख़ुश-एहतिमाम करता हुआ

अब्बास ताबिश

एक क़दम तेग़ पे और एक शरर पर रक्खा

अब्बास ताबिश

दी है वहशत तो ये वहशत ही मुसलसल हो जाए

अब्बास ताबिश

अजब सौदा-ए-वहशत है दिल-ए-ख़ुद-सर में रहता है

अब्बास ताबिश

ऐसे तो कोई तर्क सुकूनत नहीं करता

अब्बास ताबिश

अब परिंदों की यहाँ नक़्ल-ए-मकानी कम है

अब्बास ताबिश

सारे आलम में तेरी ख़ुशबू है

आसी ग़ाज़ीपुरी

ठिकाने यूँ तो हज़ारों तिरे जहान में थे

आशुफ़्ता चंगेज़ी

बोसीदा जिस्म-ओ-जाँ की क़बाएँ लिए हुए

आस मोहम्मद मोहसिन

हर इक जन्नत के रस्ते हो के दोज़ख़ से निकलते हैं

आल-ए-अहमद सूरूर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.