अदम Poetry (page 6)

रह-ए-इरफ़ाँ में अपने होश को माइल समझते हैं

हफ़ीज़ फ़ातिमा बरेलवी

मिरा वजूद हक़ीक़त मिरा अदम धोका

हादी मछलीशहरी

हज़ार ख़ाक के ज़र्रों में मिल गया हूँ मैं

हादी मछलीशहरी

है नौ-जवानी में ज़ोफ़-ए-पीरी बदन में रअशा कमर में ख़म है

हबीब मूसवी

फ़लक की गर्दिशें ऐसी नहीं जिन में क़दम ठहरे

हबीब मूसवी

देख लो तुम ख़ू-ए-आतिश ऐ क़मर शीशे में है

हबीब मूसवी

भूला है बा'द-ए-मर्ग मुझे दोस्त याँ तलक

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

हम तो याँ मरते हैं वाँ उस को ख़बर कुछ भी नहीं

ग़ुलाम मौला क़लक़

बे-गाना-अदाई है सितम जौर-ओ-सितम में

ग़ुलाम मौला क़लक़

पूछे है क्या वजूद ओ अदम अहल-ए-शौक़ का

ग़ालिब

रोने से और इश्क़ में बेबाक हो गए

ग़ालिब

पा-ब-दामन हो रहा हूँ बस-कि मैं सहरा-नवर्द

ग़ालिब

नक़्श फ़रियादी है किस की शोख़ी-ए-तहरीर का

ग़ालिब

न होगा यक-बयाबाँ माँदगी से ज़ौक़ कम मेरा

ग़ालिब

जुज़ क़ैस और कोई न आया ब-रू-ए-कार

ग़ालिब

जहाँ तेरा नक़्श-ए-क़दम देखते हैं

ग़ालिब

फ़रियाद की कोई लय नहीं है

ग़ालिब

दिल मिरा सोज़-ए-निहाँ से बे-मुहाबा जल गया

ग़ालिब

बे-ए'तिदालियों से सुबुक सब में हम हुए

ग़ालिब

अर्ज़-ए-नाज़-ए-शोख़ी-ए-दंदाँ बराए-ख़ंदा है

ग़ालिब

आमद-ए-सैलाब-ए-तूफ़ान-ए-सदा-ए-आब है

ग़ालिब

ये फ़र्क़ जीते ही जी तक गदा-ओ-शाह में है

जोर्ज पेश शोर

अगर हो चश्म-ए-हक़ीक़त तो देख क्या हूँ मैं

ग़व्वास क़ुरैशी

ये मौत-ओ-अदम कौन-ओ-मकाँ और ही कुछ है

फ़िराक़ गोरखपुरी

सुना तो है कि कभी बे-नियाज़-ए-ग़म थी हयात

फ़िराक़ गोरखपुरी

शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो

फ़िराक़ गोरखपुरी

मुझ को मारा है हर इक दर्द ओ दवा से पहले

फ़िराक़ गोरखपुरी

जिसे लोग कहते हैं तीरगी वही शब हिजाब-ए-सहर भी है

फ़िराक़ गोरखपुरी

हर नाला तिरे दर्द से अब और ही कुछ है

फ़िराक़ गोरखपुरी

बहसें छिड़ी हुई हैं हयात-ओ-ममात की

फ़िराक़ गोरखपुरी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.