इद्दो Poetry (page 5)

उस बज़्म में मुझे नहीं बनती हया किए

ग़ालिब

जो न नक़्द-ए-दाग़-ए-दिल की करे शोला पासबानी

ग़ालिब

जिस ज़ख़्म की हो सकती हो तदबीर रफ़ू की

ग़ालिब

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है

ग़ालिब

मचलती है मिरे सीने में तेरी आरज़ू क्या क्या

फ़रोग़ हैदराबादी

दिल नहीं मिलने का फिर मेरा सितमगर टूट कर

फ़रोग़ हैदराबादी

क्या अदू क्या दोस्त सब को भा गईं रुस्वाइयाँ

फ़ारिग़ बुख़ारी

अपने ही साए में था में शायद छुपा हुआ

फ़ारिग़ बुख़ारी

ग़म-ए-जहाँ हो रुख़-ए-यार हो कि दस्त-ए-अदू

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ये मातम-ए-वक़्त की घड़ी है

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ये मौसम-ए-गुल गरचे तरब-ख़ेज़ बहुत है

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ये किस ख़लिश ने फिर इस दिल में आशियाना किया

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

शरह-ए-फ़िराक़ मदह-ए-लब-ए-मुश्कबू करें

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

सभी कुछ है तेरा दिया हुआ सभी राहतें सभी कुल्फ़तें

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

न किसी पे ज़ख़्म अयाँ कोई न किसी को फ़िक्र रफ़ू की है

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

कुछ मोहतसिबों की ख़ल्वत में कुछ वाइ'ज़ के घर जाती है

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

गिरानी-ए-शब-ए-हिज्राँ दो-चंद क्या करते

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

'आज़र' रहा है तेशा मिरे ख़ानदान में

दिलावर अली आज़र

शहर से क्या गई जानिब-ए-दश्त-ए-ज़र ज़िंदगी फ़ाख़्ता

दानियाल तरीर

तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किस का था

दाग़ देहलवी

तुम आईना ही न हर बार देखते जाओ

दाग़ देहलवी

सितम ही करना जफ़ा ही करना निगाह-ए-उल्फ़त कभी न करना

दाग़ देहलवी

पयामी कामयाब आए न आए

दाग़ देहलवी

मुमकिन नहीं कि तेरी मोहब्बत की बू न हो

दाग़ देहलवी

मुझ सा न दे ज़माने को परवरदिगार दिल

दाग़ देहलवी

ले चला जान मिरी रूठ के जाना तेरा

दाग़ देहलवी

ख़ातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया

दाग़ देहलवी

होश आते ही हसीनों को क़यामत आई

दाग़ देहलवी

अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता

दाग़ देहलवी

किया है फ़ाश पर्दा कुफ़्र-ओ-दीं का इस क़दर मैं ने

चकबस्त ब्रिज नारायण

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.