बाहर Poetry (page 10)

ख़रगोश की सरगुज़िश्त

साक़ी फ़ारुक़ी

सब कुछ न कहीं सोग मनाने में चला जाए

साक़ी फ़ारुक़ी

दर्द पुराना आँसू माँगे आँसू कहाँ से लाऊँ

साक़ी फ़ारुक़ी

ख़ाक-बस्ता हैं तह-ए-ख़ाक से बाहर न हुए

सलीम शुजाअ अंसारी

हज़ारों रंज मिले सैंकड़ों मलाल मिले

सलीम शुजाअ अंसारी

दालान में कभी कभी छत पर खड़ा हूँ मैं

सालिम सलीम

सूरज ज़मीं की कोख से बाहर भी आएगा

सलीम शाहिद

घर के दरवाज़े खुले हों चोर का खटका न हो

सलीम शाहिद

दर्द की ख़ुश्बू से सारा घर मोअ'त्तर हो गया

सलीम शाहिद

तू दरिया है और ठहरने वाला मैं

सलीम मुहीउद्दीन

कभी मौसम साथ नहीं देते कभी बेल मुंडेर नहीं चढ़ती

सलीम कौसर

इक घड़ी वस्ल की बे-वस्ल हुई है मुझ में

सलीम कौसर

आख़िरी पड़ाव

सलीम फ़िगार

कहीं आँखें कहीं बाज़ू कहीं से सर निकल आए

सलीम फ़िगार

शजर तो कब का कट के गिर चुका है

सलीम अंसारी

एक दरवाज़े पर

सलीम अहमद

ख़ैर का तुझ को यक़ीं है और उस को शर का है

सलीम अहमद

आरज़ूओं का हसीं पैकर तराश

सज्जाद सय्यद

पहले चादर की हवस में पाँव फैलाए बहुत

सज्जाद बाक़र रिज़वी

ज़हर का सफ़र

सज्जाद बाक़र रिज़वी

लफ़्ज़ जब कोई न हाथ आया मआनी के लिए

सज्जाद बाक़र रिज़वी

जुर्म-ए-इज़हार-ए-तमन्ना आँख के सर आ गया

सज्जाद बाक़र रिज़वी

कुछ बे-नाम तअल्लुक़ जिन को नाम अच्छा सा देने में

साइमा असमा

यादों की गूँज ज़ेहन से बाहर निकालिए

सैफ़ ज़ुल्फ़ी

ओढ़ी रिदा-ए-दर्द भी हालात की तरह

सैफ़ ज़ुल्फ़ी

लहजे का रंग लफ़्ज़ की ख़ुश्बू भी देख ले

सैफ़ ज़ुल्फ़ी

मिला न दैर-ओ-हरम में कहीं निशाँ उन का

सैफ़ बिजनोरी

जसद ने जान से पूछा कि क़ल्ब-ए-बे-रिया क्या है

साहिर देहल्वी

आईना मेरा बदल कर ले गया

साहिल अहमद

बचपन की यादों को भुलाए एक ज़माना बीत गया

सहर महमूद

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.