बाहर Poetry (page 28)

नहीं सुनता नहीं आता नहीं बस मेरा चलता है

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

मरहला शौक़ का है लफ़्ज़-ओ-बयाँ से आगे

अब्दुल मन्नान तरज़ी

होंकते दश्त में इक ग़म का समुंदर देखो

अब्दुल हफ़ीज़ नईमी

फिर रग-शो'ला-ए-जाँ-सोज़ में नश्तर गुज़रा

अब्दुल हादी वफ़ा

फीकी ज़र्द दोपहर

अब्दुल अहद साज़

इंतिज़ार बाक़ी है

अब्दुल अहद साज़

आरज़ू

अब्दुल अहद साज़

लफ़्ज़ों के सहरा में क्या मा'नी के सराब दिखाना भी

अब्दुल अहद साज़

हमें तो इस लिए जा-ए-नमाज़ चाहिए है

अब्बास ताबिश

ये अजब साअत-ए-रुख़्सत है कि डर लगता है

अब्बास ताबिश

शजर समझ के मिरा एहतिराम करते हैं

अब्बास ताबिश

मह-रुख़ जो घरों से कभी बाहर निकल आए

अब्बास ताबिश

कोई टकरा के सुबुक-सर भी तो हो सकता है

अब्बास ताबिश

आँख पे पट्टी बाँध के मुझ को तन्हा छोड़ दिया है

अब्बास ताबिश

हम ऐसे सर-फिरे दुनिया को कब दरकार होते हैं

अब्बास क़मर

अपने अपने सूराख़ों का डर

अब्बास अतहर

नसरी नज़्म

आसी रिज़वी

फिर मिज़ाज उस रिंद का क्यूँकर मिले

आसी ग़ाज़ीपुरी

है इंतिज़ार मुझे जंग ख़त्म होने का

आशुफ़्ता चंगेज़ी

पनाहें ढूँढ के कितनी ही रोज़ लाता है

आशुफ़्ता चंगेज़ी

न जाने बाहर भी कितने आसेब मुंतज़िर हों

आनिस मुईन

हो गए आँगन जुदा और रास्ते भी बट गए

आनन्द सरूप अंजुम

नहीं मुमकिन कि तिरे हुक्म से बाहर मैं हूँ

आग़ा अकबराबादी

वहाँ शायद कोई बैठा हुआ है

आदिल रज़ा मंसूरी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.