चंद्रमा Poetry (page 47)

न जाने रब्त-ए-मसर्रत है किस क़दर ग़म से

आबिद नामी

ये कौन मेरे अलावा मिरे वजूद में है

अब्दुर्राहमान वासिफ़

न पहुँचे छूट कर कुंज-ए-क़फ़स से हम नशेमन तक

अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी

मिज़्गाँ ने रोका आँखों में दम इंतिज़ार से

अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी

रूठे हैं हम से दोस्त हमारे कहाँ कहाँ

अब्दुल्लतीफ़ शौक़

क्यूँके करे न शहर को रो रो उजाड़ चश्म

अब्दुल वहाब यकरू

ख़ुश-क़दाँ जब ख़िराम करते हैं

अब्दुल वहाब यकरू

क्या क्या सुपुर्द-ए-ख़ाक हुए नामवर तमाम

अब्दुल रहमान ख़ान वासिफ़ी बहराईची

तुम्हारी चश्म ने मुझ सा न पाया

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

ख़फ़ा मत हो मुझ को ठिकाने बहुत हैं

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

ग़म याँ तो बिका हुआ खड़ा है

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

दोश-ब-दोश दोश था मुझ से बुत-ए-करिश्मा-कोश

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

दिलबर ये वो है जिस ने दिल को दग़ा दिया है

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

दिल तो हाज़िर है अगर कीजिए फिर नाज़ से रम्ज़

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

पुर्सिश है चश्म-ए-अश्क-फ़शाँ पर न आए हर्फ़

अब्दुल मन्नान तरज़ी

मुद्दआ'-ओ-आरज़ू शौक़-ए-तमन्ना आप हैं

अब्दुल मन्नान तरज़ी

वो है हैरत-फ़ज़ा-ए-चश्म-ए-मा'नी सब नज़ारों में

अब्दुल मजीद सालिक

ख़िरद में मुब्तिला है 'सालिक' दीवाना बरसों से

अब्दुल मजीद सालिक

मतलब मुआ'मलात का कुछ पा गया हूँ मैं

अब्दुल हमीद अदम

ख़ुश हूँ कि ज़िंदगी ने कोई काम कर दिया

अब्दुल हमीद अदम

ताकीद करो ज़मज़मा-संजान-ए-चमन को

अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-दिलबरी सिमट आ निगाह-ए-मजाज़ में

अब्दुल अलीम आसि

अपनी हस्ती से था ख़ुद मैं बद-गुमाँ कल रात को

अब्दुल अलीम आसि

मिज़ाज-ए-सहल-तलब अपना रुख़्सतें माँगे

अब्दुल अहद साज़

खुली जब आँख तो देखा कि दुनिया सर पे रक्खी है

अब्दुल अहद साज़

वो कौन है जो पस-ए-चश्म-ए-तर नहीं आता

अब्बास ताबिश

चश्म-ए-नम-दीदा सही ख़ित्ता-ए-शादाब मिरा

अब्बास ताबिश

चाँद को तालाब मुझ को ख़्वाब वापस कर दिया

अब्बास ताबिश

मैं उस से दूर रहा उस की दस्तरस में रहा

अब्बास रिज़वी

नसरी नज़्म

आसी रिज़वी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.