दिन Poetry (page 109)

इस तिलिस्म-ए-रोज़-ओ-शब से तो कभी निकलो ज़रा

अब्दुल हफ़ीज़ नईमी

हर इंसाँ अपने होने की सज़ा है

अब्दुल हफ़ीज़ नईमी

ग़ुबार-ए-दर्द से सारा बदन अटा निकला

अब्दुल हफ़ीज़ नईमी

मैं बढ़ते बढ़ते किसी रोज़ तुझ को छू लेता

अब्दुल अहद साज़

नानी-अमाँ की वफ़ात पर एक नज़्म

अब्दुल अहद साज़

अलविदा

अब्दुल अहद साज़

ज़िक्र हम से बे-तलब का क्या तलबगारी के दिन

अब्दुल अहद साज़

यूँ तो सौ तरह की मुश्किल सुख़नी आए हमें

अब्दुल अहद साज़

सबक़ उम्र का या ज़माने का है

अब्दुल अहद साज़

लफ़्ज़ों के सहरा में क्या मा'नी के सराब दिखाना भी

अब्दुल अहद साज़

खिले हैं फूल की सूरत तिरे विसाल के दिन

अब्दुल अहद साज़

जीतने मारका-ए-दिल वो लगातार गया

अब्दुल अहद साज़

हर इक लम्हे की रग में दर्द का रिश्ता धड़कता है

अब्दुल अहद साज़

दूर से शहर-ए-फ़िक्र सुहाना लगता है

अब्दुल अहद साज़

निहाल-ए-दर्द ये दिन तुझ पे क्यूँ उतरता नहीं

अब्बास ताबिश

उसे मैं ने नहीं देखा

अब्बास ताबिश

परों में शाम ढलती है

अब्बास ताबिश

मुझे रस्ता नहीं मिलता

अब्बास ताबिश

न तुझ से है न गिला आसमान से होगा

अब्बास ताबिश

चराग़-ए-सुब्ह जला कोई ना-शनासी में

अब्बास ताबिश

बचपन का दौर अहद-ए-जवानी में खो गया

अब्बास ताबिश

ऐसे तो कोई तर्क सुकूनत नहीं करता

अब्बास ताबिश

मैं उस से दूर रहा उस की दस्तरस में रहा

अब्बास रिज़वी

अपने अपने सूराख़ों का डर

अब्बास अतहर

हम ने मिल-जुल के गुज़ारे थे जो दिन अच्छे थे

आज़िम कोहली

जब कभी तुम मेरी जानिब आओगे

आज़िम कोहली

हो सितम कैसा भी अब हालात की शमशीर का

आज़िम कोहली

इक इश्क़ है कि जिस की गली जा रहा हूँ मैं

आज़िम कोहली

दोस्तों की बज़्म में साग़र उठाए जाएँगे

आज़िम कोहली

सितम को उन का करम कहें हम जफ़ा को मेहर-ओ-वफ़ा कहें हम

अातिश बहावलपुरी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.