दुख Poetry (page 21)

उम्र-ए-रफ़्ता मैं तिरे हाथ भी क्या आया हूँ

आफ़ताब अहमद

दर्द होते हैं कई दिल में छुपाने के लिए

अदीम हाशमी

जब ये दावे थे कि हर दुख का मुदावा हो गए

अबु मोहम्मद सहर

साथ मेरे तेरे जो दुख था सो प्यारे ऐश था

आबरू शाह मुबारक

कहें क्या तुम सूँ बे-दर्द लोगो किसी से जी का मरम न पाया

आबरू शाह मुबारक

वसवसे दिल में न रख ख़ौफ़-ए-रसन ले के न चल

अबरार किरतपुरी

तिरी दुनिया के नक़्शे में

अबरार अहमद

शिकस्त

आबिद आलमी

आवाज़ के मोती

अब्दुल अहद साज़

जो कुछ भी ये जहाँ की ज़माने की घर की है

अब्दुल अहद साज़

बे-मसरफ़ बे-हासिल दुख

अब्दुल अहद साज़

मोहब्बत एक दम दुख का मुदावा कर नहीं देती

अब्बास ताबिश

वो हँसती है तो उस के हाथ रोते हैं

अब्बास ताबिश

अभी उस की ज़रूरत थी

अब्बास ताबिश

वो आने वाला नहीं फिर भी आना चाहता है

अब्बास ताबिश

फ़क़त माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर अच्छा नहीं लगता

अब्बास ताबिश

दम-ए-सुख़न ही तबीअ'त लहू लहू की जाए

अब्बास ताबिश

जो होगा सब ठीक ही होगा होने दो जो होना है

आज़िम कोहली

तू मेरा है

आनिस मुईन

जीवन को दुख दुख को आग और आग को पानी कहते

आनिस मुईन

हमेशा ज़िंदगी की हर कमी को जीते रहते हैं

आलोक श्रीवास्तव

नवा-ए-शौक़ में शोरिश भी है क़रार भी है

आल-ए-अहमद सूरूर

ख़ुदा-परस्त मिले और न बुत-परस्त मिले

आल-ए-अहमद सूरूर

आँधियाँ ग़म की चलीं और कर्ब-बादल छा गए

अाबिदा उरूज

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.