हुआ Poetry (page 240)
लोग तन्हाई का किस दर्जा गिला करते हैं
आल-ए-अहमद सूरूर
जिस ने किए हैं फूल निछावर कभी कभी
आल-ए-अहमद सूरूर
दास्तान-ए-शौक़ कितनी बार दोहराई गई
आल-ए-अहमद सूरूर
रक़ीब क़त्ल हुआ उस की तेग़-ए-अबरू से
आग़ा अकबराबादी
वो कहते हैं उट्ठो सहर हो गई
आग़ा अकबराबादी
तिरे जलाल से ख़ुर्शीद को ज़वाल हुआ
आग़ा अकबराबादी
शिद्दत-ए-ज़ात ने ये हाल बनाया अपना
आग़ा अकबराबादी
सर्व-क़द लाला-रुख़ ओ ग़ुंचा-दहन याद आया
आग़ा अकबराबादी
नुमूद-ए-क़ुदरत-ए-पर्वरदिगार हम भी हैं
आग़ा अकबराबादी
नहीं मुमकिन कि तिरे हुक्म से बाहर मैं हूँ
आग़ा अकबराबादी
मुद्दत के बा'द इस ने लिखा मेरे नाम ख़त
आग़ा अकबराबादी
जीते-जी के आश्ना हैं फिर किसी का कौन है
आग़ा अकबराबादी
दौर साग़र का चले साक़ी दोबारा एक और
आग़ा अकबराबादी
चाहत ग़म्ज़े जता रही है
आग़ा अकबराबादी
बुत-ए-ग़ुंचा-दहन पे निसार हूँ मैं नहीं झूट कुछ इस में ख़ुदा की क़सम
आग़ा अकबराबादी
आँखों पे वो ज़ुल्फ़ आ रही है
आग़ा अकबराबादी
दीवाली
आफ़ताब राईस पानीपती
चढ़ा दिया है भगत-सिंह को रात फाँसी पर
आफ़ताब राईस पानीपती
अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का
आफ़ताबुद्दौला लखनवी क़लक़
वहाँ शायद कोई बैठा हुआ है
आदिल रज़ा मंसूरी
दो अजनबी
आदिल रज़ा मंसूरी
वहाँ शायद कोई बैठा हुआ है
आदिल रज़ा मंसूरी
सफ़र के ब'अद भी मुझ को सफ़र में रहना है
आदिल रज़ा मंसूरी
पाँव पत्तों पे धीरे से धरता हुआ
आदिल रज़ा मंसूरी
जो अश्क बन के हमारी पलक पे बैठा था
आदिल रज़ा मंसूरी
एक इक लम्हे को पलकों पे सजाता हुआ घर
आदिल रज़ा मंसूरी
दिन के सीने पे शाम का पत्थर
आदिल रज़ा मंसूरी
Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.
Sad Poetry in Urdu, 2 Lines Poetry in Urdu, Ahmad Faraz Poetry in Urdu, Sms Poetry in Urdu, Love Poetry in Urdu, Rahat Indori Poetry, Wasi Shah Poetry in Urdu, Faiz Ahmad Faiz Poetry, Anwar Masood Poetry Funny, Funnu Poetry in Urdu, Ghazal in Urdu, Romantic Poetry in Urdu, Poetry in Urdu for Friends