हिज्र Poetry (page 34)

यूँ ख़बर किसे थी मेरी तिरी मुख़बिरी से पहले

अफ़रोज़ आलम

मेरे जुनून-ए-शौक़ को इतनी सी काएनात बस

अफ़ीफ़ सिराज

कुछ हिज्र के मौसम ने सताया नहीं इतना

अदीम हाशमी

आँखों में आँसुओं को उभरने नहीं दिया

अदीम हाशमी

मुझे रंग-ए-ख़्वाब से ज़िंदगी का यक़ीं मिला

अदा जाफ़री

वो आ रहा था मगर मैं निकल गया कहीं और

अबुल हसनात हक़्क़ी

तमाम हिज्र उसी का विसाल है उस का

अबुल हसनात हक़्क़ी

नुमू तो पहले भी था इज़्तिराब मैं ने दिया

अबुल हसनात हक़्क़ी

अगर मेरी जबीन-ए-शौक़ वक़्फ़-ए-बंदगी होती

अबु मोहम्मद वासिल

शब-ए-सियाह हुआ रोज़ ऐ सजन तुझ बिन

आबरू शाह मुबारक

दिल नीं पकड़ी है यार की सूरत

आबरू शाह मुबारक

आज यारों को मुबारक हो कि सुब्ह-ए-ईद है

आबरू शाह मुबारक

ख़ुशी के वक़्त भी तुझ को मलाल कैसा है

अबरार हामिद

बिफरी लहरें रात अँधेरी और बला की आँधी है

अबरार हामिद

ये रह-ए-इश्क़ है इस राह पे गर जाएगा तू

अबरार अहमद

मियाँ ये इश्क़ तो सब टूट कर ही करते हैं

आबिद मलिक

कौन कहता है कि वहशत मिरे काम आई है

आबिद मलिक

आसूदगान-ए-हिज्र से मिलने की चाह में

आबिद मलिक

न कर्ब-ए-हिज्र न कैफ़्फ़ियत-ए-विसाल में हूँ

आबिद हशरी

महक रहा है तसव्वुर में ख़्वाब की सूरत

अब्दुल वहाब सुख़न

मैं शब-ए-हिज्र क्या करूँ तन्हा

अब्दुल मतीन नियाज़

मुन्कशिफ़ तल्ख़ी-ए-हालात न होने पाई

अब्दुल मलिक सोज़

ज़ाहिरन मौत है क़ज़ा है इश्क़

अब्दुल ग़फ़ूर नस्साख़

उस से उम्मीद-ए-वफ़ा ऐ दिल-ए-नाशाद न कर

अब्दुल अलीम आसि

अज़दवाजी ज़िंदगी भी और तिजारत भी अदब भी

अब्दुल अहद साज़

ये हम जो हिज्र में उस का ख़याल बाँधते हैं

अब्बास ताबिश

ये हम जो हिज्र में उस का ख़याल बाँधते हैं

अब्बास ताबिश

दी है वहशत तो ये वहशत ही मुसलसल हो जाए

अब्बास ताबिश

चाँद का पत्थर बाँध के तन से उतरी मंज़र-ए-ख़्वाब में चुप

अब्बास ताबिश

आँखों को नक़्श-ए-पा तिरा दिल को ग़ुबार कर दिया

आतिफ़ वहीद 'यासिर'

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.