सबा Poetry (page 2)

निगाह-ए-हुस्न-ए-मुजस्सम अदा को छूते ही

ज़फ़र मुरादाबादी

बे-क़नाअत क़ाफ़िले हिर्स-ओ-हवा ओढ़े हुए

ज़फ़र मुरादाबादी

यहाँ सब से अलग सब से जुदा होना था मुझ को

ज़फ़र इक़बाल

शजर के क़त्ल में इस का भी हाथ है शायद

ज़फ़र गोरखपुरी

शो'ले से चटकते हैं हर साँस में ख़ुशबू के

ज़फ़र गौरी

फ़स्ल-ए-गुल को ज़िद है ज़ख़्म दिल का हरा कैसे हो

ज़फ़र गौरी

वो मेरी जान है दिल से कभी जुदा न हुआ

यूसुफ़ ज़फ़र

शहर लगता है बयाबान मुझे

यूसुफ़ ज़फ़र

जो हुरूफ़ लिख गया था मिरी आरज़ू का बचपन

यूसुफ़ ज़फ़र

जिस का बदन है ख़ुश्बू जैसा जिस की चाल सबा सी है

यूसुफ़ ज़फ़र

पास होते हुए जुदा क्यूँ है

यूनुस ग़ाज़ी

भीगी पलकें शौक़ का आलम वक़्त का धारा क्या नहीं देखा

यावर अब्बास

रंग बदला फिर हवा का मय-कशों के दिन फिरे

यगाना चंगेज़ी

वाँ नक़ाब उट्ठी कि सुब्ह-ए-हश्र का मंज़र खुला

यगाना चंगेज़ी

ऐ सबा क़िल'अ-ए-हस्ती से जो दम घबराया

वज़ीर अली सबा लखनवी

ऐ सबा जज़्ब पे जिस दम दिल-ए-नाशाद आया

वज़ीर अली सबा लखनवी

तुझे भी याद तो होगा

वज़ीर आग़ा

इस गिर्या-ए-पैहम की अज़िय्यत से बचा दे

वज़ीर आग़ा

लहू लहू सा दिल-ए-दाग़-दार ले के चले

वाक़िफ़ राय बरेलवी

एक इशारे में बदल जाता है मयख़ाने का नाम

वक़ार बिजनोरी

ख़याल दिल को है उस गुल से आश्नाई का

वलीउल्लाह सरहिंदी इशतियाक़

जो मरीज़ इश्क़ के हैं उन को शिफ़ा है कि नहीं

वलीउल्लाह मुहिब

बुलबुल वो गुल है ख़्वाब में तू गा के मत जगा

वलीउल्लाह मुहिब

बुलबुल बजाए अपने तुझे हम-नवा से बहस

वलीउल्लाह मुहिब

ऐ दिल आता है चमन में वो शराबी तू पहुँच

वलीउल्लाह मुहिब

तीरा-बख़्तों को करे है नाला-ए-ग़मगीं ख़राब

वली उज़लत

तीरा-बख़्तों को करे है नाला-ए-ग़मगीं ख़राब

वली उज़लत

नयन में ख़ूँ भर आया दिल में ख़ार-ए-ग़म छुपा शायद

वली उज़लत

नंग नहीं मुझ को तड़पने से सँभल जाने का

वली उज़लत

ख़ुनुक-जोशी न करते जूँ सबा गर ये बुताँ हम से

वली उज़लत

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.