असर Poetry (page 4)

कोई है बाम पर देखा तो जाए

तारिक़ मतीन

ये कार-ए-बे-समर है अगर कर लिया तो क्या

तालिब अंसारी

तासीर नहीं रहती अल्फ़ाज़ की बंदिश में

ताहिर अज़ीम

मैं उस की मोहब्बत से इक दिन भी मुकर जाता

ताहिर अज़ीम

बहुत जबीन-ओ-रुख़-ओ-लब बहुत क़द-ओ-गेसू

ताबिश देहलवी

शौक़ का तक़ाज़ा है शरह-ए-आरज़ू कीजे

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

शबाब-ए-हुस्न है बर्क़-ओ-शरर की मंज़िल है

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

मंज़िलों से बेगाना आज भी सफ़र मेरा

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

हुजूम-ए-दर्द का इतना बढ़े असर गुम हो

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

हर मोड़ को चराग़-ए-सर-ए-रहगुज़र कहो

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

खोता ही नहीं है हवस-ए-मतअम-ओ-मलबस

ताबाँ अब्दुल हई

न डरे बर्क़ से दिल की है कड़ी मेरी आँख

तअशशुक़ लखनवी

क़ाज़ी के मुँह पे मारी है बोतल शराब की

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

जाँ-फ़िशानी का वाँ हिसाब अबस

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

बर-सर-ए-लुत्फ़ आज चश्म-ए-दिल-रुबा थी मैं न था

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

साँस का अपनी रग-ए-जाँ से गुज़र होने तक

सय्यद तम्जीद हैदर तम्जीद

ज़िंदगी क्या हर क़दम पर इक नई दीवार है

सय्यद मेराज जामी

आह-ओ-फ़रियाद का असर देखा

सय्यद हामिद

पदमनी

सुरूर जहानाबादी

बुलबुल ओ परवाना

सुरूर जहानाबादी

जब तलक रौशनी-ए-फ़िक्र-ओ-नज़र बाक़ी है

सुरूर बाराबंकवी

मुस्तक़िल दर्द का सैलाब कहाँ अच्छा है

सूरज नारायण मेहर

तिलिस्म-ए-कार-ए-जहाँ का असर तमाम हुआ

सुल्तान अख़्तर

सरसब्ज़ मौसमों का असर ले गया कोई

सुल्तान अख़्तर

काम आती नहीं अब कोई तदबीर हमारी

सुल्तान अख़्तर

वो हुस्न को जल्वा-गर करेंगे

सूफ़ी तबस्सुम

वो हुस्न को जल्वा-गर करेंगे

सूफ़ी तबस्सुम

सुकून-ए-क़ल्ब ओ शकेब-ए-नज़र की बात करो

सूफ़ी तबस्सुम

मोहब्बत किस क़दर सेहर-आफ़रीं मालूम होती है

सूफ़ी तबस्सुम

वफ़ाओं के इरादे वुसअ'त-ए-मंज़िल में रहते हैं

सोज़ बरेलवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.