असर Poetry (page 8)

ता-उम्र आश्ना न हुआ दिल गुनाह का

शाद अज़ीमाबादी

क्यूँ हो बहाना-जू न क़ज़ा सर से पाँव तक

शाद अज़ीमाबादी

जिसे पाला था इक मुद्दत तक आग़ोश-ए-तमन्ना में

शाद अज़ीमाबादी

अब इंतिहा का तिरे ज़िक्र में असर आया

शाद अज़ीमाबादी

मौसम के पास कोई ख़बर मो'तबर भी हो

शबनम शकील

इक बे-नाम सी खोज है दिल को जिस के असर में रहते हैं

शबनम शकील

हद्द-ए-सितम न कर कि ज़माना ख़राब है

शबाब ललित

जो ग़म-ए-हबीब से दूर थे वो ख़ुद अपनी आग में जल गए

शायर लखनवी

असर न हो तो उसी नुत्क़-ए-बे-असर से कह

शानुल हक़ हक़्क़ी

रफ़्ता रफ़्ता मेरी अल-ग़रज़ी असर करती रही

शाद आरफ़ी

जो भी अपनों से उलझता है वो कर क्या लेगा

शाद आरफ़ी

अहद-ए-मायूसी जहाँ तक साज़गार आता गया

शाद आरफ़ी

आह करता हूँ तो आती है पलट कर ये सदा

सेहर इश्क़ाबादी

तिरा वहशी कुछ आगे है जुनून-ए-फ़ित्ना-सामाँ से

सेहर इश्क़ाबादी

मेरी क़िस्मत से क़फ़स का या तो दर खुलता नहीं

सेहर इश्क़ाबादी

रस्मन ही उन को नाला-ए-दिल की ख़बर तो हो

सीमाब अकबराबादी

हस्ती को मिरी मस्ती-ए-पैमाना बना दे

सीमाब अकबराबादी

हद हो कोई तो सब्र तिरे हिज्र पर करें

सीमाब अकबराबादी

जिधर वो हैं उधर हम भी अगर जाएँ तो क्या होगा

सय्यद एजाज़ अहमद रिज़वी

अश्क पीते रहे हर जाम पे हँसते हँसते

सय्यद ज़िया अल्वी

है इश्क़ तो फिर असर भी होगा

सययद मोहम्म्द अब्दुल ग़फ़ूर शहबाज़

गुल फेंके है औरों की तरफ़ बल्कि समर भी

मोहम्मद रफ़ी सौदा

ऐ आह तिरी क़द्र असर ने तो न जानी

मोहम्मद रफ़ी सौदा

मौजा-ए-रेग-ए-रवान-ए-ग़म में बह के देखना

सरदार सलीम

आज दीवाने का ज़ौक़-ए-दीद पूरा हो गया

सरदार सलीम

मैं वो आतिश-ए-नफ़स हूँ आग अभी

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

काली घटा कब आएगी फ़स्ल-ए-बहार में

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

हम सोज़-ए-दिल बयाँ करें तुम से कहाँ तलक

सरस्वती सरन कैफ़

कौन इन लाखों अदाओं में मुझे प्यारी नहीं

साक़िब लखनवी

रात नादीदा बलाओं के असर में हम थे

साक़ी फ़ारुक़ी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.