बाज़ार Poetry (page 21)

आम है कूचा-ओ-बाज़ार में सरकार की बात

अहमद राही

सुब्ह होते ही निकल आते हैं बाज़ार में लोग

अहमद नदीम क़ासमी

साँस लेना भी सज़ा लगता है

अहमद नदीम क़ासमी

मैं किसी शख़्स से बेज़ार नहीं हो सकता

अहमद नदीम क़ासमी

अपने माहौल से थे क़ैस के रिश्ते क्या क्या

अहमद नदीम क़ासमी

ज़िंदगी ख़ौफ़ से तश्कील नहीं करनी मुझे

अहमद ख़याल

ये तअल्लुक़ तिरी पहचान बना सकता था

अहमद ख़याल

मा-बा'द-उत-तबीआत

अहमद हमेश

लम्हा लम्हा कह रही हैं कुछ फ़ज़ाएँ आग की

अहमद हमदानी

पहले पहले हवस इक-आध दुकाँ खोलती है

अहमद फ़राज़

नामा-ए-जानाँ

अहमद फ़राज़

कर गए कूच कहाँ

अहमद फ़राज़

काली दीवार

अहमद फ़राज़

सामने उस के कभी उस की सताइश नहीं की

अहमद फ़राज़

सभी कहें मिरे ग़म-ख़्वार के अलावा भी

अहमद फ़राज़

सब क़रीने उसी दिलदार के रख देते हैं

अहमद फ़राज़

रोग ऐसे भी ग़म-ए-यार से लग जाते हैं

अहमद फ़राज़

पेच रखते हो बहुत साहिबो दस्तार के बीच

अहमद फ़राज़

जब तिरी याद के जुगनू चमके

अहमद फ़राज़

चल निकलती हैं ग़म-ए-यार से बातें क्या क्या

अहमद फ़राज़

भेद पाएँ तो रह-ए-यार में गुम हो जाएँ

अहमद फ़राज़

बिकता रहता सर-ए-बाज़ार कई क़िस्तों में

अहमद अशफ़ाक़

जितनी हम चाहते थे उतनी मोहब्बत नहीं दी

अहमद अशफ़ाक़

इब्न-ए-आदम बरसर पैकार है

अहमद अली बर्क़ी आज़मी

एहसास का वसीला-ए-इज़हार है ग़ज़ल

अहमद अली बर्क़ी आज़मी

उड़ कर सुराग़-ए-कूचा-ए-दिलबर लगाइए

आग़ा हज्जू शरफ़

तीर-ए-नज़र से छिद के दिल-अफ़गार ही रहा

आग़ा हज्जू शरफ़

दरपेश अजल है गंज-ए-शहीदाँ ख़रिदिए

आग़ा हज्जू शरफ़

फ़ुसूँ टूटता है

अफ़ज़ल परवेज़

उस पेड़ को छुआ तो समर-दार हो गया

अफ़ज़ल मिनहास

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.