लोड Poetry (page 2)

सिलसिले के बाद कोई सिलसिला रौशन करें

ज़फ़र गोरखपुरी

मिरे भी सुर्ख़-रू होने का इक मौक़ा निकल आता

यूसुफ़ तक़ी

कितनी हसीन लगती है चेहरों की ये किताब

यूसुफ़ आज़मी

कुछ लोग जो नख़वत से मुझे घूर रहे हैं

यावर अब्बास

सब्र ख़ुद उकता गया अच्छा हुआ

याक़ूब उस्मानी

मैं अपने ख़्वाब से बिछड़ा नज़र नहीं आता

वसीम बरेलवी

ख़ुशी का साथ मिला भी तो दिल पे बार रहा

वसीम बरेलवी

पेश वो हर पल है साहब

वक़ार सहर

मैं ज़िंदगी को लिए फिर रहा हूँ कब से 'वक़ार'

वक़ार मानवी

मिरे वजूद को पामाल करना चाहता है

वक़ार मानवी

वो मेरा यार है पर मेरी मानता नहीं है

वक़ार ख़ान

अलिफ़ लैला

वामिक़ जौनपुरी

मा'रके में इश्क़ के सर से गुज़रने से न डर

वलीउल्लाह मुहिब

ग़नीमत बूझ लेवें मेरे दर्द-आलूद नालों को

वली उज़लत

यूँ भी जीने के बहाने निकले

वली आलम शाहीन

हुस्न पर बोझ हुए उस के ही वा'दे अब तो

वली आलम शाहीन

यूँ तो तन्हाई में घबराए बहुत

वकील अख़्तर

गिले शिकवे के दफ़्तर आ गए तुम

वजीह सानी

ज़माना भी मुझ से ना-मुवाफ़िक़ मैं आप भी दुश्मन-ए-सलामत

वहशत रज़ा अली कलकत्वी

किसी तरह दिन तो कट रहे हैं फ़रेब-ए-उम्मीद खा रहा हूँ

वहशत रज़ा अली कलकत्वी

सफ़र ही बाद-ए-सफ़र है तो क्यूँ न घर जाऊँ

वहीद अख़्तर

सय्याद आ गए हैं सभी एक घात पर

विश्मा ख़ान विश्मा

आती जाती लहरें

वली मदनी

बदन का बोझ उठाना भी अब मुहाल हुआ

उमर फ़ारूक़

ख़ाक होती हुई हस्ती से उठा

तौक़ीर तक़ी

ज़ेहन में हो कोई मंज़िल तो नज़र में ले जाऊँ

तसव्वुर ज़ैदी

ज़ेहन पर बोझ रहा, दिल भी परेशान हुआ

तारिक़ क़मर

ज़ेहन पर बोझ रहा, दिल भी परेशान हुआ

तारिक़ क़मर

ये रोज़-ओ-शब की मसाफ़त ये आना जाना मिरा

तारिक़ क़मर

दिलों में बुग़्ज़ के ख़ाने न होते

तनवीर गौहर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.