दीपक Poetry (page 22)

मिलता है हर चराग़ को साया ज़मीन पर

हमदम कशमीरी

घर में जो इक चराग़ था तुम ने उसे बुझा दिया

हकीम नासिर

आँखों ने हाल कह दिया होंट न फिर हिला सके

हकीम नासिर

हर चोट पर ज़माने की हम मुस्कुराए हैं

हैरत सहरवर्दी

वो नाज़नीं ये नज़ाकत में कुछ यगाना हुआ

हैदर अली आतिश

ना-फ़हमी अपनी पर्दा है दीदार के लिए

हैदर अली आतिश

मिरे दिल को शौक़-ए-फ़ुग़ाँ नहीं मिरे लब तक आती दुआ नहीं

हैदर अली आतिश

इस शश-जिहत में ख़ूब तिरी जुस्तुजू करें

हैदर अली आतिश

इंसाफ़ की तराज़ू में तौला अयाँ हुआ

हैदर अली आतिश

हंगाम-ए-नज़'अ महव हूँ तेरे ख़याल का

हैदर अली आतिश

दीवानगी ने क्या क्या आलम दिखा दिए हैं

हैदर अली आतिश

बुलबुल गुलों से देख के तुझ को बिगड़ गया

हैदर अली आतिश

बरगश्ता-तालई का तमाशा दिखाऊँ मैं

हैदर अली आतिश

आरिफ़ है वो जो हुस्न का जूया जहाँ में है

हैदर अली आतिश

अब तो नहीं आसरा किसी का

हफ़ीज़ जौनपुरी

क़दम शबाब में अक्सर बहकने लगता है

हफ़ीज़ बनारसी

भुला भी दे उसे जो बात हो गई प्यारे

हबीब जालिब

है आठ पहर तू जल्वा-नुमा तिमसाल-ए-नज़र है परतव-ए-रुख़

हबीब मूसवी

फ़रियाद भी मैं कर न सका बे-ख़बरी से

हबीब मूसवी

इस तरह दर्द का तुम अपने मुदावा करना

हबीब आरवी

तमाम रात बुझेंगे न मेरे घर के चराग़

हबाब तिर्मिज़ी

अब तलक तुंद हवाओं का असर बाक़ी है

हबाब हाश्मी

तिश्ना-ए-तकमील है वहशत का अफ़्साना अभी

ग्यान चन्द मंसूर

तिरी उमीदों का साथ देगी इनायत-ए-बर्ग-ओ-बार कब तक

गुलज़ार बुख़ारी

ख़ुदा

गुलज़ार

मुझे अँधेरे में बे-शक बिठा दिया होता

गुलज़ार

वो चराग़-ए-ज़ीस्त बन कर राह में जलता रहा

गुलनार आफ़रीन

किन शहीदों के लहू के ये फ़रोज़ाँ हैं चराग़

गुलनार आफ़रीन

वो चराग़-ए-ज़ीस्त बन कर राह में जलता रहा

गुलनार आफ़रीन

आँख में अश्क लिए ख़ाक लिए दामन में

गुलनार आफ़रीन

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.