दूर Poetry (page 41)

दिल पीत की आग में जलता है

इब्न-ए-इंशा

दिल इक कुटिया दश्त किनारे

इब्न-ए-इंशा

ऐ मिरे सोच-नगर की रानी

इब्न-ए-इंशा

सब को दिल के दाग़ दिखाए एक तुझी को दिखा न सके

इब्न-ए-इंशा

जल्वा-नुमाई बे-परवाई हाँ यही रीत जहाँ की है

इब्न-ए-इंशा

इस शहर के लोगों पे ख़त्म सही ख़ु-तलअ'ती-ओ-गुल-पैरहनी

इब्न-ए-इंशा

लोगों ने आकाश से ऊँचा जा कर तमग़े पाए

हुसैन माजिद

मैं उस की आँख में वो मेरे दिल की सैर में था

हुसैन ताज रिज़वी

इतनी सी इस जहाँ की हक़ीक़त है और बस

हुसैन सहर

ज़ौक़-ए-तकल्लुम पर उर्दू ने राह अनोखी खोली है

हुरमतुल इकराम

यगानगी में भी दुख ग़ैरियत के सहता हूँ

हुरमतुल इकराम

ठहरेगा वही रन में जो हिम्मत का धनी है

हुरमतुल इकराम

रहेगा अक़्ल के सीने पे ता-अबद ये दाग़

हुरमतुल इकराम

फ़रोग़-ए-दीदा-वरी का ज़माना आया है

हुरमतुल इकराम

अपने चमन पे अब्र ये कैसा बरस गया

हुरमतुल इकराम

तज़ईन-ए-बज़्म-ए-ग़म के लिए कोई शय तो हो

होश तिर्मिज़ी

वो मेरे शीशा-ए-दिल दिल पर ख़राश छोड़ गया

हीरानंद सोज़

जिसे मिलें वही तन्हा दिखाई देता है

हीरानंद सोज़

कहीं पे माल-ओ-दुनिया की ख़रीदार की बातें हैं

हिना हैदर

मुद्दत के बाद

हिमायत अली शाएर

तख़ातुब है तुझ से ख़याल और का है

हिमायत अली शाएर

पिंदार-ए-ज़ोहद हो कि ग़ुरूर-ए-बरहमनी

हिमायत अली शाएर

कब तक रहूँ मैं ख़ौफ़-ज़दा अपने आप से

हिमायत अली शाएर

दस्तक हवा ने दी है ज़रा ग़ौर से सुनो

हिमायत अली शाएर

मुमकिन ही नहीं कि किनारा भी करेगा

हिलाल फ़रीद

दिन रात तुम्हारी यादों से हम ज़ख़्म सँवारा करते हैं

हिदायतुल्लाह ख़ान शम्सी

बहुत कठिन है डगर थोड़ी दूर साथ चलो

हिदायतुल्लाह ख़ान शम्सी

पहुँचो गर इक चाँद पर सौ और आते हैं नज़र

हीरा लाल फ़लक देहलवी

ऐ शाम-ए-ग़म की गहरी ख़मोशी तुझे सलाम

हीरा लाल फ़लक देहलवी

रंग-आमेज़ी से पैदा कुछ असर ऐसा हुआ

हीरा लाल फ़लक देहलवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.