कल रात Poetry (page 4)

ये मिरी रूह सियह रात में निकली है कहाँ

रउफ़ रज़ा

ग़ौर करो तो चेहरा चेहरा ओढ़े गहरे गहरे रंग

राशिद मतीन

अपना आप पड़ा रह जाता है बस इक अंदाज़े पर

राना आमिर लियाक़त

जो छू लूँ आसमाँ पाँव की धरती खींच लेता है

राम अवतार गुप्ता मुज़्तर

हयात-ओ-मर्ग का उक़्दा कुशा होने नहीं देता

राम अवतार गुप्ता मुज़्तर

आँखें जिन को देख न पाएँ सपनों में बिखरा देना

रईस फ़रोग़

तश्बीब

राही मासूम रज़ा

चाँद और चकोर

राही मासूम रज़ा

जिस तरह लोग ख़सारे में बहुत सोचते हैं

इक़बाल कौसर

आसमाँ मिल न सका धरती पे आया न गया

इमरान हुसैन आज़ाद

धुँद

इफ़्तेख़ार जालिब

छलकती आए कि अपनी तलब से भी कम आए

इब्न-ए-सफ़ी

ये बच्चा किस का बच्चा है

इब्न-ए-इंशा

कुछ कहने का वक़्त नहीं ये कुछ न कहो ख़ामोश रहो

इब्न-ए-इंशा

लोगों ने आकाश से ऊँचा जा कर तमग़े पाए

हुसैन माजिद

जो कुछ भी गुज़रता है मिरे दिल पे गुज़र जाए

हिमायत अली शाएर

इस तरह पैकर-ए-वफ़ा हो जाएँ

हज़ीं लुधियानवी

ठहरे पानी को वही रेत पुरानी दे दे

हसन रिज़वी

तारीख़ की अदालत

हसन हमीदी

विसाल-घड़ियों में रेज़ा रेज़ा बिखर रहे हैं

हसन अब्बास रज़ा

विसाल-घड़ियों में रेज़ा रेज़ा बिखर रहे हैं

हसन अब्बास रज़ा

न जाने कब लिखा जाए

हमीदा शाहीन

सारे चेहरे ताँबे के हैं लेकिन सब पर क़लई है

हकीम मंज़ूर

अंदर की दुनियाएँ मिला के एक नगर हो जाएँ

हैदर क़ुरैशी

माँ

हबीब जालिब

जम्हूरियत

हबीब जालिब

दास्तान-ए-दिल-ए-दो-नीम

हबीब जालिब

बगिया लहूलुहान

हबीब जालिब

जिस को देखो शाम-सवेरे बे-कल है

हबीब कैफ़ी

दिए से यूँ दिया जलता रहेगा

गुलज़ार बुख़ारी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.