दुख Poetry (page 10)

संग-दिल हूँ इस क़दर आँखें भिगो सकता नहीं

इक़बाल साजिद

मिला तो हादिसा कुछ ऐसा दिल ख़राश हुआ

इक़बाल साजिद

कटते ही संग-ए-लफ़्ज़ गिरानी निकल पड़े

इक़बाल साजिद

हर घड़ी का साथ दुख देता है जान-ए-मन मुझे

इक़बाल साजिद

अस्बाब यही है यही सामान हमारा

इक़बाल पयाम

दोस्तों के हू-ब-हू पैकर का अंदाज़ा लगा

इक़बाल नवेद

सरसर चली वो गर्म कि साए भी जल गए

इक़बाल मिनहास

रोता है कोई किसी के ग़म में

इक़बाल ख़ुसरो क़ादरी

ख़्वाब बर्फ़ानी चिता है

इक़बाल ख़ुसरो क़ादरी

आँखों के चराग़ वारते हैं

इक़बाल ख़ुसरो क़ादरी

कभी आइने सा भी सोचना मुझे आ गया

इक़बाल कौसर

कौन सा ग़म है मिरे दिल में जो मेहमान नहीं

इन्तेसार हुसैन आबिदी शाहिद

भले आदमी कहीं बाज़ आ अरे उस परी के सुहाग से

इंशा अल्लाह ख़ान

ख़ुदा से कलाम

इंजिला हमेश

सोचता हूँ सदा मैं ज़मीं पर अगर कुछ कभी बाँटता

इनआम आज़मी

दुनिया भर के दुख का हासिल

इमरान शमशाद

तुझ से इक हाथ क्या मिला लिया है

इमरान आमी

दिल न देते उसे तो क्या करते

इम्दाद इमाम असर

जब ख़ुदा को जहाँ बसाना था

इम्दाद इमाम असर

किसी के वास्ते क्या क्या हमें दुख झेलने होंगे

इम्दाद हमदानी

सीना-कूबी कर चुके ग़म कर चुके

इमदाद अली बहर

सीना-कूबी कर चुके ग़म कर चुके

इमदाद अली बहर

प्रीत-नगर की रीत नहीं है ऐसा ओछा-पन बाबा

इलियास इश्क़ी

अपना अपना दुख बतलाना होता है

इलियास बाबर आवान

इस हसीन मंज़र से दुख कई उभरने हैं

इकराम मुजीब

ज़हर में बुझे सारे तीर हैं कमानों पर

इकराम मुजीब

दोस्त क्या ख़ुद को भी पुर्सिश की इजाज़त नहीं दी

इफ़्तिख़ार आरिफ़

वो रातें चाँद के साथ गईं वो बातें चाँद के साथ गईं

इब्न-ए-इंशा

ये बच्चा किस का बच्चा है

इब्न-ए-इंशा

इस बस्ती के इक कूचे में

इब्न-ए-इंशा

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.