होश Poetry (page 6)

हुदूद-ए-अक्ल-ओ-शर्ब का सवाल ही नहीं रहा

शाद आरफ़ी

रंग उड़ कर रौनक़-ए-तस्वीर आधी रह गई

सेहर इश्क़ाबादी

हसीनों के तबस्सुम का तक़ाज़ा और ही कुछ है

सेहर इश्क़ाबादी

यही बस एक दुआ माँगना नहीं आता

सीन शीन आलम

मिरी दीवानगी पर होश वाले बहस फ़रमाएँ

सीमाब अकबराबादी

महफ़िल-ए-इश्क़ में जब नाम तिरा लेते हैं

सीमाब अकबराबादी

हस्ती को मिरी मस्ती-ए-पैमाना बना दे

सीमाब अकबराबादी

छुपाता हूँ मगर छुपता नहीं दर्द-ए-निहाँ फिर भी

सीमाब अकबराबादी

आ कि हस्ती बे-लब-ओ-बे-जोश है तेरे बग़ैर

सीमाब अकबराबादी

उड़े हैं होश मेरे इस ख़बर से

सीमा शर्मा सरहद

जिगर के ख़ून से रौशन गो ये चराग़ रहा

सय्यद एजाज़ अहमद रिज़वी

हस्ती को तिरी बस है मियाँ गुल की इशारत

मोहम्मद रफ़ी सौदा

बार-हा दिल को मैं समझा के कहा क्या क्या कुछ

मोहम्मद रफ़ी सौदा

इंटरनेट-स्थान की मलिका

सरवत ज़ेहरा

ज़िंदगी के सब उभरते और ढलते ज़ाविए

सरवत मुख़तार

इक अजब कैफ़ियत-ए-होश-रुबा तारी थी

सरवर अरमान

रौनक़-ए-अहद-ए-जवानी अलविदा'अ

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

जिस का राहिब शैख़ हो बुत-ख़ाना ऐसा चाहिए

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

मुख़ालिफ़ जब से आईना हुआ है

सलीम शुजाअ अंसारी

तुम शराब पी कर भी होश-मंद रहते हो

सलाम मछली शहरी

सरहद-ए-फ़ना तक भी तीरगी नहीं आई

सलाम मछली शहरी

मता-ए-होश यहाँ सब ने बेच डाली है

सलाहुद्दीन नय्यर

तारे सारे रक़्स करेंगे चाँद ज़मीं पर उतरेगा

साजिद हाश्मी

दर-पर्दा जफ़ाओं को अगर जान गए हम

सैफ़ुद्दीन सैफ़

सर-ज़मीन-ए-यास

साहिर लुधियानवी

मेरे मरने की भी उन को न ख़बर दी जाए

साहिर होशियारपुरी

वजूद अब मिरा ला-फ़ना हो गया

साहिर देहल्वी

जुनूँ के जोश में जिस ने मोहब्बत को हुनर जाना

साहिर देहल्वी

जो ला-मज़हब हो उस को मिल्लत-ओ-मशरब से क्या मतलब

साहिर देहल्वी

गोया ज़बान हाल थी 'साहिर' ख़मोश था

साहिर देहल्वी

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