जबीं Poetry (page 13)

देती हैं थपकियाँ तिरी परछाइयाँ मुझे

अलीम उस्मानी

यादें

अख़्तर-उल-ईमान

उम्र-ए-गुरेज़ाँ के नाम

अख़्तर-उल-ईमान

नन्हा क़ासिद

अख़्तर शीरानी

ऐ इश्क़ कहीं ले चल

अख़्तर शीरानी

ऐ इश्क़ हमें बर्बाद न कर

अख़्तर शीरानी

उस मह-जबीं से आज मुलाक़ात हो गई

अख़्तर शीरानी

तिरी जबीं पे मिरी सुब्ह का सितारा है

अख़्तर सईद ख़ान

दरिया नज़र न आए न सहरा दिखाई दे

अख़तर मुस्लिमी

ग़म-ए-हयात कहानी है क़िस्सा-ख़्वाँ हूँ मैं

अख़्तर अंसारी

वो हवा न रही वो चमन न रहा वो गली न रही वो हसीं न रहे

अकबर इलाहाबादी

हवा-ए-शब भी है अम्बर-अफ़्शाँ उरूज भी है मह-ए-मुबीं का

अकबर इलाहाबादी

बातें न किस ने हम को कहीं तेरे वास्ते

ऐश देहलवी

ऐ दिल न सुन अफ़्साना किसी शोख़ हसीं का

अहसन मारहरवी

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं

अहमद फ़राज़

आग लगा दी पहले गुलों ने बाग़ में वो शादाबी की

आग़ा हज्जू शरफ़

यादों के नशेमन को जलाया तो नहीं है

अफ़ज़ल इलाहाबादी

दुआ की राख पे मरमर का इत्र-दाँ उस का

अफ़ज़ाल अहमद सय्यद

कुछ भी नहीं जो याद-ए-बुतान-ए-हसीं नहीं

अफ़सर इलाहाबादी

सहरा-ओ-दश्त-ओ-सर्व-ओ-समन का शरीक था

अदील ज़ैदी

वो लम्हा कि ख़ामोशी-ए-शब नग़्मा-सरा थी

अदा जाफ़री

मुझे रंग-ए-ख़्वाब से ज़िंदगी का यक़ीं मिला

अदा जाफ़री

कारवाँ इश्क़ की मंज़िल के क़रीं आ पहूँचा

अबु मोहम्मद वासिल

क्या कीजिए रक़म सनद-ए-एहतिशाम-ए-ज़ुल्फ़

अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी

लग़्ज़िश-ए-साक़ी-ए-मय-ख़ाना ख़ुदा ख़ैर करे

अब्दुल्लतीफ़ शौक़

क्या यहाँ देखिए क्या वहाँ देखिए

अब्दुल मन्नान तरज़ी

दिल की पर्वाज़ है ला-मकाँ तक

अब्दुल मन्नान तरज़ी

मिरे दिल में है कि पूछूँ कभी मुर्शिद-ए-मुग़ाँ से

अब्दुल मजीद सालिक

ख़िरद में मुब्तिला है 'सालिक' दीवाना बरसों से

अब्दुल मजीद सालिक

शिकन न डाल जबीं पर शराब देते हुए

अब्दुल हमीद अदम

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.