जहान Poetry (page 8)

तेग़ चढ़ उस की सान पर आई

बयाँ अहसनुल्लाह ख़ान

उन का बर्बाद-ए-करम कहने के क़ाबिल हो गया

बासित भोपाली

इक हुस्न-ए-बे-मिसाल के जो रू-ब-रू हूँ मैं

बशीर सैफ़ी

जब तक निगार-ए-दाश्त का सीना दुखा न था

बशीर बद्र

इन चटख़्ते पत्थरों पर पाँव धरना ध्यान से

बशीर अहमद बशीर

न कोई उन के सिवा और जान-ए-जाँ देखा

मिर्ज़ा रज़ा बर्क़

मतलब न काबे से न इरादा कनिश्त का

मिर्ज़ा रज़ा बर्क़

तबाह हो के भी इक अपनी आन बाक़ी है

बाक़र मेहदी

किसी पे कोई भरोसा करे तो कैसे करे

बाक़र मेहदी

ज़रूरतों की हमाहमी में जो राह चलते भी टोकती है वो शाइ'री है

बद्र-ए-आलम ख़लिश

जिस को चलना है चले रख़्त-ए-सफ़र बाँधे हुए

अज़ीज़ तमन्नाई

जाते हुए नहीं रहा फिर भी हमारे ध्यान में

अज़हर फ़राग़

क़दम क़दम निशान ढूँढता रहा

अज़हर अब्बास

फ़ज़ा-ए-नीलगूँ का ध्यान छोड़ दे

अज़हर अब्बास

अफ़्साना-ए-हयात-ए-परेशाँ के साथ साथ

अज़ीम मुर्तज़ा

पेड़ आँगन के तिरे जब बारवर हो जाएँगे

आज़ाद गुरदासपुरी

सफ़र में फ़ासलों के साथ बादबान खो दिया

अय्यूब ख़ावर

कितना मुश्किल है

अतीक़ुल्लाह

नाक़ूस की सदाओं से और न अज़ान से

अतीक़ मुज़फ़्फ़रपुरी

मैं सच तो कह दूँ पर उस को कहीं बुरा न लगे

असरा रिज़वी

दिल में वफ़ा की है तलब लब पे सवाल भी नहीं

अासिफ़ शफ़ी

सर्द-मेहरी से तिरी दिल जो तपाँ रखते हैं

अश्क रामपुरी

तीर-ए-नज़र ने आप की घाएल किया मुझे

अशहद बिलाल इब्न-ए-चमन

घरौंदे

असग़र मेहदी होश

गुम कर दिया है दीद ने यूँ सर-ब-सर मुझे

असग़र गोंडवी

फ़िक्र-ए-जहान दर्द-ए-मोहब्बत फ़िराक़-ए-यार

असर अकबराबादी

ख़ुदी की फ़ितरत-ए-ज़र्रीं के राज़-हा-ए-दरूँ

आरज़ू सहारनपुरी

नए मौसम की बशारत हैं हम

अरशद महमूद नाशाद

न जाने उस ने खुले आसमाँ में क्या देखा

अरशद जमाल 'सारिम'

फ़ना हुआ तो मैं तार-ए-नफ़स में लौट आया

अरशद जमाल 'सारिम'

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.