कांच Poetry (page 2)

हमें नहीं आते ये कर्तब नए ज़माने वाले

इरफ़ान सत्तार

तुम मुझे भी काँच की पोशाक पहनाने लगे

इक़बाल साजिद

दोस्तों के हू-ब-हू पैकर का अंदाज़ा लगा

इक़बाल नवेद

यार परिंदे!

इलियास बाबर आवान

ख़ूँ में तर सब्र की चादर कहाँ ले जाओगे

इफ़्फ़त अब्बास

क्या धोका देने आओगी

इब्न-ए-इंशा

यक़ीन से बाहर बिखरा सच

हमीदा शाहीन

हज़िर-ग़ाएब

हमीदा शाहीन

हमारे अहद का मंज़र अजीब मंज़र है

हफ़ीज़ बनारसी

ख़ुद-कुशी

गुलज़ार

काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी

गुलज़ार

शब डूब गई

गुलनाज़ कौसर

ये गर्द-ए-राह ये माहौल ये धुआँ जैसे

फ़ारूक़ मुज़्तर

शीशों का मसीहा कोई नहीं

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

चाय की प्याली में नीली टेबलेट घोली

बशीर बद्र

फ़ज़ा का रंग निखरता दिखाई देता है

अज़रा वहीद

कंफ़ेशन

अज़ीज़ क़ैसी

धूप में साया बने तन्हा खड़े होते हैं

अज़हर फ़राग़

किन आवाज़ों का सन्नाटा मुझ में है

अय्यूब ख़ावर

पल-दो-पल है फिर ये सोना मिट्टी का

अतहर नासिक

काश समझदार न बनूँ

अतीया दाऊद

आईने में ख़म आया

अशोक लाल

असर मिरी ज़बान में नहीं रहा

अक़ील शादाब

सिलसिले हादसों के ध्यान में रख

अकमल इमाम

पहले तराशा काँच से उस ने मिरा वजूद

अख़्तर रज़ा सलीमी

ख़्वाब-महल में कौन सर-ए-शाम आ कर पत्थर मारता है

अख़्तर होशियारपुरी

अगर फ़क़ीर से मिलना है तो सँभल पहले

अजीत सिंह हसरत

कोई हैरत है न इस बात का रोना है हमें

अहमद ख़याल

जो भी दरून-ए-दिल है वो बाहर न आएगा

अहमद फ़राज़

फटे पुराने बदन से किसे ख़रीद सकूँ

अब्दुर्रहीम नश्तर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.