मतलब Poetry (page 7)

ख़त ज़मीं पर न ऐ फ़ुसूँ-गर काट

ग़ुलाम मौला क़लक़

आप के महरम असरार थे अग़्यार कि हम

ग़ुलाम मौला क़लक़

ख़त लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो

ग़ालिब

हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुश्किल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़

ग़ालिब

याद है शादी में भी हंगामा-ए-या-रब मुझे

ग़ालिब

पा-ब-दामन हो रहा हूँ बस-कि मैं सहरा-नवर्द

ग़ालिब

हूँ मैं भी तमाशाई-ए-नैरंग-ए-तमन्ना

ग़ालिब

हुजूम-ए-ग़म से याँ तक सर-निगूनी मुझ को हासिल है

ग़ालिब

हो गई है ग़ैर की शीरीं-बयानी कारगर

ग़ालिब

हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुश्किल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़

ग़ालिब

ग़ैर लें महफ़िल में बोसे जाम के

ग़ालिब

रौ भटकने लगे जब ख़यालात की

फ़ातिमा वसीया जायसी

ये सारे ख़ूबसूरत जिस्म अभी मर जाने वाले हैं

फ़रहत एहसास

छिपकिली

फ़रीद इशरती

जब दिल में तिरे ग़म ने हसरत की बना डाली

फ़ानी बदायुनी

बिजलियाँ टूट पड़ीं जब वो मुक़ाबिल से उठा

फ़ानी बदायुनी

बे-अजल काम न अपना किसी उनवाँ निकला

फ़ानी बदायुनी

तुझे ढूँढती हैं नज़रें मुझे इक झलक दिखा जा

फ़ना बुलंदशहरी

किस तरह छोड़ दूँ ऐ यार मैं चाहत तेरी

फ़ना बुलंदशहरी

उन लबों की याद आई गुल के मुस्कुराने से

फ़य्याज़ अहमद

जिसे कल रात भर पूजा गया था

फ़ैसल अज़ीम

हज़ारों बार कह कर बेवफ़ा को बा-वफ़ा मैं ने

दिवाकर राही

रात से दिन का वो जो रिश्ता थी

दिनेश नायडू

चोर-साहिब से दरख़्वास्त

दिलावर फ़िगार

मिरा अहवाल चश्म-ए-यार सूँ पूछ

दाऊद औरंगाबादी

जब मिला यार तू अग़्यार सेती क्या मतलब

दाऊद औरंगाबादी

ज़िंदगी का किस लिए मातम रहे

दत्तात्रिया कैफ़ी

ढूँढने से यूँ तो इस दुनिया में क्या मिलता नहीं

दत्तात्रिया कैफ़ी

तुम अगर अपनी गूँ के हो माशूक़

दाग़ देहलवी

ये बात बात में क्या नाज़ुकी निकलती है

दाग़ देहलवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.