उम्र Poetry (page 66)

वादा-ए-वस्ल है लज़्ज़त-ए-इंतिज़ार उठा

अब्दुल्लाह कमाल

इतवार को आना तिरा मालूम कि इक उम्र

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

पूछी न ख़बर कभी हमारी

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

म्याँ क्या हो गर अबरू-ए-ख़मदार को देखा

अब्दुल रहमान एहसान देहलवी

आज क्यूँ चुप हैं तेरे सौदाई

अब्दुल मलिक सोज़

वही शय मक़सद-ए-क़ल्ब-ओ-नज़र महसूस होती है

अब्दुल हमीद अदम

सिर्फ़ इक क़दम उठा था ग़लत राह-ए-शौक़ में

अब्दुल हमीद अदम

सिर्फ़ इक क़दम उठा था ग़लत राह-ए-शौक़ में

अब्दुल हमीद अदम

मैं उम्र भर जवाब नहीं दे सका 'अदम'

अब्दुल हमीद अदम

कहते हैं उम्र-ए-रफ़्ता कभी लौटती नहीं

अब्दुल हमीद अदम

लहरा के झूम झूम के ला मुस्कुरा के ला

अब्दुल हमीद अदम

जहाँ वो ज़ुल्फ़-ए-बरहम कारगर महसूस होती है

अब्दुल हमीद अदम

हसीन नग़्मा-सराओ! बहार के दिन हैं

अब्दुल हमीद अदम

बहार बन के ख़िज़ाँ को न यूँ दिलासा दे

अब्दुल हफ़ीज़ नईमी

फिर रग-शो'ला-ए-जाँ-सोज़ में नश्तर गुज़रा

अब्दुल हादी वफ़ा

ज़मीं-नज़ाद हैं लेकिन ज़माँ में रहते हैं

अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद

क़ज़ा से क़र्ज़ किस मुश्किल से ली उम्र-ए-बक़ा हम ने

अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद

क्या कहीं मिलता है क्या ख़्वाबों में

अब्दुल अज़ीज़ फ़ितरत

मिरी रफ़ीक़-ए-नफ़्स मौत तेरी उम्र दराज़

अब्दुल अहद साज़

पस-ए-तक़रीब-ए-मुलाक़ात

अब्दुल अहद साज़

मुतज़ाद ज़ाविए

अब्दुल अहद साज़

फ़साद के ब'अद

अब्दुल अहद साज़

यूँ भी दिल अहबाब के हम ने गाहे गाहे रक्खे थे

अब्दुल अहद साज़

सबक़ उम्र का या ज़माने का है

अब्दुल अहद साज़

मेरी आँखों से गुज़र कर दिल ओ जाँ में आना

अब्दुल अहद साज़

खिले हैं फूल की सूरत तिरे विसाल के दिन

अब्दुल अहद साज़

ख़राब-ए-दर्द हुए ग़म-परस्तियों में रहे

अब्दुल अहद साज़

जैसे कोई दायरा तकमील पर है

अब्दुल अहद साज़

जब तक शब्द के दीप जलेंगे सब आएँगे तब तक यार

अब्दुल अहद साज़

हद-ए-उफ़ुक़ पर सारा कुछ वीरान उभरता आता है

अब्दुल अहद साज़

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